जनसंख्या नियंत्रण बिल : 'ड्राफ्ट से हटाएं एक बच्चे का नियम' विहिप ने योगी सरकार से की मांग

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर सियासी घमासान छिड़ चुका है।

Update: 2021-07-12 15:18 GMT

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर सियासी घमासान छिड़ चुका है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि वह ड्राफ्ट से एक बच्चे के नियम को हटा दें। विहिप का कहना है कि इससे समाज में असंतुलन बढ़ जाएगा। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण बिल का ड्राफ्ट उत्तर प्रदेश विधि आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया और लोगों से 19 जुलाई तक आपत्तियां मांगी हैं।

इस नियम पर जताई गई आपत्ति
इस बिल की प्रस्तावना में लिखा है कि यह बिल अन्य बातों के साथ-साथ जनसंख्या को स्थिर करने और दो बच्चों के मानदंड को बढ़ावा देने के लिए लाया जा रहा है। विहिप दोनों बातों से सहमत है। हालांकि, बिल के सेक्शन 5, 6(2) और 7 कहा गया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों का सिर्फ एक ही बच्चा होगा, उन्हें इंसेटिव दिया जाएगा। इस नियम पर विहिप ने आपत्ति जताई है।

विहिप ने कही यह बात
जानकारी के मुताबिक, विहिप ने अपने पत्र में कुल प्रजनन दर का भी उल्लेख किया। इसमें बताया गया कि बिल में प्रजनन दर को 1.7 फीसदी तक लाने की योजना है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि अगर एक बच्चे की पॉलिसी लाई जाती है तो इससे समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा। सरकार को इस बारे में दोबारा विचार करना चाहिए। अन्य इसका असर नेगेटिव ग्रोथ पर हो सकता है।
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