हमारी सरकार को खास तरीके से दिखाने का राजनीतिक प्रयास : विदेश मंत्री एस.जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि कोरोना के कारण भारत इस समय बहुत तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत की मौजूदा सरकार को एक खास तरीके से चित्रित करने के लिए 'राजनीतिक प्रयास' किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के बारे में एक मनगढ़ंत राजनीतिक कल्पना और उसके वास्तविक कामकाज में काफी अंतर है। हूवर इंस्टीट्यूशन द्वारा प्रस्तुत भारत: एक रणनीतिक साझेदारी के लिए अवसर और चुनौतियां विषय पर आयोजित चर्चा में 'बैटलग्राउंड' सत्र में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एचआर मैकमास्टर के साथ बातचीत के दौरान, जयशंकर ने कहा कि कोरोना के कारण भारत इस समय बहुत तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है।
भारत की छवि से हो रहे खिलवाड़ पर जताया अफसोस
उन्होंने कहा कि इस समय हम देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन दे रहे हैं। हमने पिछले साल भी कई महीने तक मुफ्त राशन दिया। इसी तरह 40 करोड़ लोगों के खातों में नकद राशि दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ इसी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अमेरिका की आबादी से ढाई गुना अधिक आबादी को मुफ्त भोजन कराती हैं। और उसकी आबादी से अधिक लोगों को आर्थिक मदद देती हैं। वह भी बिना किसी भेदभाव के और बिना कोई श्रेय लिए तो यह बहुत बड़ी बात है। ऐसे में अगर आप सरकार के निर्णयों में खामियां तलाशते हैं तो यह सरकार के वास्तविक कामकाज के बजाय उसकी मनगढ़ंत राजनीतिक छवि बनाने की कोशिश होगी।
हिंदुत्व नीति' पर किए गए एक सवाल का दिया करारा जवाब
मेरा आपसे कहना है, जो जैसा है उसे वैसा ही बताया जाए। आप हमारे प्रयासों से सहमत हो सकते हैं या असहमत। लेकिन जिस तरह से हमारी सरकार को लेकर उसकी एक खास छवि बनाई जा रही है वह उचित नहीं है। मैं इस 'राजनीतिक प्रयास' से कतई सहमत नहीं हूं। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैकमास्टर द्वारा 'हिंदुत्व नीति' पर किए गए एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, हम भारतीय अपने लोकतंत्र को लेकर बेहद आश्वस्त हैं। भारत एक गहन बहुलतावादी समाज है। दरअसल मैकमास्टर ने भारतीय लोकतंत्र के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को होने वाली क्षति, महामारी के दौरान भारत की आंतरिक राजनीति में परिवर्तन और इनसे भारत के मित्र देशों की चिंता के अधिकार के संबंध में सवाल किया था।
जयशंकर ने बात जारी रखते हुए कहा कि मैं इस सवाल का सीधा राजनीतिक जवाब और थोड़ा सूक्ष्म सामाजिक जवाब दूंगा। राजनीतिक जवाब यह है कि अतीत में वोट बैंक की राजनीति पर बहुत अधिक निर्भरता थी। वोट बैंक की राजनीति में कुछ वर्गों को उनकी पहचान या उनकी मान्यताओं को तरजीह दी जाती रही है। लेकिन हम इस तरह की राजनीति से अलग हटकर काम कर रहे हैं। हमारे शासन में यही फर्क है।
भारत एक बहुलतावादी समाज, हम अपने लोकतंत्र को लेकर बेहद आश्वस्त
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत कई आस्थाओं और मतों का देश है। दुनिया में हर जगह मत किसी खास संस्कृति या पहचान से बहुत घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं। हम अपने समाज में धर्मनिरपेक्षता को अब सभी धर्मों के लिए समान सम्मान के रूप में परिभाषित करते हैं। धर्मनिरपेक्षता का मतलब यह नहीं है कि आप खुद अपने या किसी और के मत या पंथ को नकार दें।
उन्होंने कहा कि आप भारत को देखें, वहां लोकतंत्र की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। सरकार और सिविल सोसायटी में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। भारत के लोग अपनी संस्कृति, अपनी भाषा, अपनी मान्यताओं और अपनी पहचान को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। मैं इस बारे में खुलकर अपनी बात कहूंगा।
भारत के लोग शायद अंग्रेजी बोलने वालों से कमतर हैं। इनका दुनिया के दूसरे देशों से संपर्क कम है। ऐसे में एक अंतर होना स्वाभाविक है। लेकिन मुझे लगता है कि इस अंतर को लेकर भारत के लोगों के बारे में कभी-कभी राजनीतिक रूप से बहुत कठोर रूप से आंकलन होता है। इनके बारे में खास तरह का नरेटिव बनाया जाता है। जयशंकर ने कहा कि इस बारे में मेरा स्पष्टीकरण यही है कि भारत जातीय और भाषाई रूप से एक बहुत ही विविधतापूर्ण देश है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के लिए बुधवार को वाशिंगटन पहुंच गए। वाशिंगटन में तीन दिन के प्रवास के दौरान जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन, रक्षा मंत्री लायड आस्टिन और अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार चेक सुलिवन समेत कई लोगों से मुलाकात करेंगे।