पुलिस ने महाठगी की वारदात को रोका, रैकेट का किया भंडाफोड़

Update: 2023-09-21 05:54 GMT

उत्तर प्रदेश। आगरा में पुलिस ने 15 लाख लोगों से महाठगी होने वाली थी. एक एफआईआर के बाद पुलिस की चौकरी ने इस ठगी की घटना को होने से बचाया है. पुलिस का कहना है कि देश-विदेश में बैठे ठग 15 लाख लोगों से 38 हजार करोड़ की ठगी करने की तैयारी में थे. गहन छानबीन के बाद रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया. पुलिस ने 6 हजार बैंक खाते और 27 वेबसाइट्स बंद करा दी हैं.

दरअसल, कुछ महीने पहले थाना शाहगंज में केस दर्ज कराया गया था. यह एफआईआर एक निजी कंपनी की ओर से दर्ज कराई गई थी. साइबर सेल ने इस मामले में जब जांच-पड़ताल शुरू की तो जो सामने आया, उसे देख पुलिस दंग रह गई. पुलिस के अनुसार, ठग लाइव कंटेंट, लाइव गेम, थर्ड पार्टी एप और वेब पोर्टल से गैर कानूनी तरीके से चीन, वियतनाम, फिलिपींस के सर्वरों के माध्यम से लाइव री-स्ट्रीमिंग के जरिए अवैध बैटिंग, गेमिंग, बैंकों में खाते खुलवाकर कर रहे थे. पुलिस ने करीब 4 महीने तक इस मामले में खोजबीन की, इसके बाद पूरे रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया. साइबर टीम ने 27 गेमिंग वेबसाइट और अलग-अलग बैंकों में किराए पर खोले गए 6 हजार खातों को केंद्रीय और स्टेट एजेंसीज की मदद से बंद करवा दिया. पुलिस का कहना है कि चीन, रूस, वियतनाम और फिलिपींस में बैठे अपराधी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का डाटा चुराकर लोगों से फर्जी ऐप पर बैटिंग करवा रहे थे. हर दिन 80 से 100 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी के इस जाल में देश के कई राजदार शामिल हैं. यह वह लोग हैं, जो 30 प्रतिशत कमीशन का लालच देकर लोगों के बैंक खाता खुलवाते थे. उन्हें कमीशन का लालच देकर उनके खातों से हर दिन 20 से 25 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन करवाते थे.

पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि गिरोह में शामिल लोग अपने खास सर्वर से गेमिंग और बैटिंग वेबसाइट बनाते थे. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों से संपर्क करते थे. उन्हें बैटिंग और गेमिंग के जरिये घर बैठे लाखों रुपया कमाने का लालच देते थे. जब व्यक्ति उनकी बातों के जाल में फंस जाता था तो उसे अपनी वेबसाइट पर सब्सक्राइबर बना लेते थे.

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