पुलिस अफसरों ने रस्सी से जीप खींच कर डीजीपी को दी विदाई

Update: 2024-05-01 05:06 GMT
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू 35 साल के सेवाकाल के बाद मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। विदाई समारोह में पुलिस अधिकारियों ने रस्सी से डीजीपी की जीप को खींच कर डीजीपी संजय कुंडू को विदाई दी। डीजीपी की रिटायरमेंट के उपलक्ष्य पर पुलिस विभाग द्वारा पुलिस लाइन भराड़ी में एक विदाई परेड समारोह का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य पर पुलिस विभाग के समस्त उच्च पुलिस अधिकारी, जिला पुलिस अधीक्षकों व समादेशकों ने शिरकत की। हिमाचल प्रदेश पुलिस के समस्त अधिकारी व कर्मचारियों ने उनके सेवानिवृत्ति के उपरांत के जीवन की मंगल कामनाएं करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दी। 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू की तेज तर्रार पुलिस अधिकारी की छवि रही है। संजय कुंडू तीन साल 11 महीने तक सूबे के डीजीपी की कुर्सी पर रहे। संजय कुंडू 31 मई, 2020 को डीजीपी बने थे, जब सूबे में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार थी।
डीजीपी कुंडू उन आईपीएस अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने उन अहम पदों का भी जिम्मा संभाला, जिन पर आईएएस तैनात किए जाते रहे हैं। पूर्व भाजपा सरकार ने संजय कुंडू को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाकर सरकार में अफसरशाही के महत्त्वपूर्ण ओहदे पर बिठाया था। वर्ष 2018 में उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बुलाया था। दो साल तक प्रिंसीपल सेक्रेटरी टू सीएम रहे। उस समय जयराम मुख्यमंत्री थे। डीजीपी की रेस में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का नाम चल रहा है। इसमें एसआर ओझा का नाम सबसे ऊपर है। यदि सरकार द्वारा वरिष्ठता को दरकिनार नहीं किया जाता है, तो वर्ष 1989 बैच के आईपीएस डीजी जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं एसआर ओझा आते हैं और उन्हें प्रदेश पुलिस का नया मुखिया बनाया जा सकता है। हाल ही में डीजीपी कुंडू के छुट्टी जाने पर सरकार ने एसआर ओझा को ही 13 दिनों के लिए डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। ओझा के बाद वरिष्ठता में वर्ष 1990 बैच के आईपीएस श्याम भगत नेगी का नाम आता है। उनके बाद वरिष्ठता सूची में 1991 बैच के आईपीएस डा. अतुल वर्मा हैं।
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