अभिभावक की भूमिका में नजर आई पुलिस, घर में बच्चे थे अकेले

Update: 2022-06-17 07:20 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

इटावा: उत्तर प्रदेश की इटावा में पुलिस का बड़ा मानवीय चेहरा सामने आया है. बसरेहर क्षेत्र के अमृतपुर गांव के रहने वाले दो मासूम बच्चों के लिए बसरेहर थाना पुलिस अभिभावक की भूमिका अदा कर रही है. दरअसल इन दोनों मासूमों की मां कहीं चली गई है. दोनों अपनी मां की तलाश में थाने पहुंचे. दोनों का दर्द सुनकर पुलिसवालों का दिल पसीज गया.

कहानी कुछ इस तरह है कि थाना बसरेहर क्षेत्र के अंतर्गत अमृतपुर गांव के रहने वाले सफीक मोहम्मद की 6 महीने पहले मौत हो गई थी. उसके बाद उसके दोनों बेटों की देखरेख उसकी मां रवीना बेगम कर रही थी, लेकिन कुछ दिन पहले अचानक से रवीना दोनों बच्चों को घर पर छोड़ कर कहीं चली गई.
चार दिन से परेशान दोनों मासूम बच्चे अपनी मां के इंतजार में भूखे थे और मां का घर पर इंतजार करते रहे. मां जब वापस नहीं लौटी तो दोनों बच्चे अपनी बुआ के साथ रोते बिलखते हुए थाने पहुंच गए. उप निरीक्षक नीरज शर्मा से बच्चों ने शिकायत की और अपनी मां को घर पर वापस बुलाने की गुहार लगाई.
इस पूरी घटना को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस सब इंस्पेक्टर नीरज शर्मा का दिल पसीज गया. उन्होंने दोनों बच्चों को सबसे पहले भोजन कराया, उसके बाद बाजार ले जाकर उनको नए कपड़े व जूते चप्पल भी दिलवाए. दोनों बच्चों को भरोसा दिलाया कि उनकी मां को जल्द ढूंढ कर वापस लाएंगे. इस पर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई.
इस मामले में एसपी ग्रामीण सत्यपाल सिंह ने बताया कि इस तरह की परिस्थितियों में निराश्रित बच्चों के लिए पुलिस हर संभव सहयोग करती है और जो अनाथ बच्चे होते हैं, उनको डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन अधिकारी के माध्यम से चाइल्डलाइन संस्थाओं को सौंप दिया जाता है, जिनकी देखरेख और उनकी परवरिश संस्था के द्वारा की जाती है.



 


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