Baddi Land के भीतर घुला जहर, मानवीय स्वास्थ्य को खतरा

Update: 2024-06-28 10:19 GMT
Shimla. शिमला। बद्दी-बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में भू-जल प्रदूषण खतरनाक स्थिति में आ गया है। भू-तल से 30 से 80 मीटर की गहराई में यह प्रदूषण पाया गया है। कोर्ट ने आईआईटी मंडी द्वारा इस क्षेत्र में भू-जल प्रदूषण से जुड़ी रिपोर्ट देखने के बाद पाया कि प्राकृतिक और औद्योगिक, दोनों प्रकार के स्रोतों से उत्पन्न होने वाले भू-जल में भारी धातुओं और जियोजेनिक यूरेनियम के तत्व पाए गए हैं। इस तरह जल में कार्सिनोजेनिक रसायनों की उपस्थिति से मानवीय स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिए कि वह बद्दी-बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में इस चिंताजनक भू-जल प्रदूषण से निपटने के लिए प्रस्तावित कार्रवाई स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखे। कोर्ट ने बीबीएनडीए को भी उक्त रिपोर्ट पर अपनी कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने प्रदेश सरकार को बीबीएन क्षेत्र में भू-जल प्रदूषण की जांच
आईआईटी मंडी से करवाने के आदेश दिए थे।
इस मामले में हाई कोर्ट ने सोलन जिले के बद्दी में कॉमन एफफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता से कम दोहन किए जाने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सहित जिलाधीश सोलन, एसडीएम नालागढ़, सीईओ बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण, प्रतिनिधि बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन व सीईओ बद्दी इन्फ्रास्ट्रक्चर बद्दी टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की थी। मामले के अनुसार बद्दी में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी का सही से उपचार न होने के कारण बद्दी क्षेत्र में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। करीब 60 करोड़ की लागत से इस क्षेत्र में कॉमन एफफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है। इसकी प्रस्तावित क्षमता 250 लाख लीटर प्रतिदिन गंदे पानी का उपचार करने की है, जबकि इसमें 110 लाख लीटर प्रतिदिन गंदे पानी का ही उपचार किया जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता से कम दोहन किए जाने की बात तब सामने आई, जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने यह बात जि़ला परिषद की त्रैमासिक बैठक में बताई थी। आरोप है कि क्षेत्र के प्राकृतिक जल स्रोत औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले गंदे पानी से प्रदूषित हो रहे हैं, जिससे लोग बीमार हो रहे हैं। मामले पर सुनवाई 16 जुलाई को होगी।
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