नई दिल्ली (आईएएनएस)| श्रीनगर में होने वाली जी20 टूरिज्म वर्किं ग ग्रुप की बैठक में दो सप्ताह से भी कम समय रह गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को इसकी तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि हालांकि बैठक में भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत देशभर में हो रही कई चर्चाओं का जायजा लिया गया, लेकिन समझा जाता है कि इसका मुख्य फोकस जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान की आपत्तियों के आलोक में श्रीनगर में भारत द्वारा जी20 विचार-विमर्श आयोजित करने पर था।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जहां लगभग 12 प्रमुख मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में वित्त, वाणिज्य, पर्यावरण और पर्यटन जैसे कुछ महत्वपूर्ण मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों ने कहा कि मिश्रा को श्रीनगर में आगामी बैठक के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में बताया गया।
सूत्रों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त रहे प्रधानमंत्री को श्रीनगर बैठक की तैयारियों के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
बैठक में मुख्य रूप से जी20 के पर्यटन कार्य समूह की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो 22 से 24 मई के बीच श्रीनगर में हो रहा है।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि यह बैठक देश के विभिन्न हिस्सों में भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत होने वाली कई चर्चाओं और बातचीत का हिस्सा है, लेकिन इसका बहुत महत्व है, मुख्य रूप से इस तथ्य के कारण कि पिछले महीने पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने श्रीनगर में उपर्युक्त बैठक आयोजित करने की भारत की योजना पर आपत्ति जताई।
पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर पर भारत के अवैध कब्जे को कायम रखना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था, जी20 की बैठकें और कार्यक्रम पूरे भारत में आयोजित किए जा रहे हैं। वे भारत के हर क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे हैं और इन बैठकों का जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में होना बहुत स्वाभाविक है।
बागची ने आगे कहा था कि ये स्थान हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहे हैं और ये हमारे हैं। मैं केवल इतना कहूंगा कि ये बैठकें हर क्षेत्र में हो रही हैं। यह हमारी स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।
वास्तव में पाकिस्तान ने पिछले साल भी विरोध किया था, जब भारत जम्मू और कश्मीर में जी20 कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा था।