PM मोदी की सुरक्षा में चूक: पंजाब पुलिस पर लापरवाही का आरोप, पूरी क्रोनोलॉजी समझे
नई दिल्ली: पीएम मोदी की सुरक्षा में मंगलवार को सबसे बड़ी चूक देखने को मिली. कुछ प्रदर्शनकारियों ने पंजाब की सड़कों पर ऐसा बवाल काटा कि पीएम मोदी का काफिला आगे नहीं बढ़ पाया और 15 से 20 मिनट तक वहीं पर फंसा रह गया. बाद में प्रधानमंत्री की रैली को ही रद्द करना पड़ गया और मोदी दिल्ली लौट आए. लेकिन इस पूरे मामले ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. बीजेपी इसे कांग्रेस की साजिश बता रही है, वहीं कांग्रेस रैली में भीड़ ना आने का बहाना बता रही है और सुरक्षा एजेंसियां विस्तृत जांच की बात कर रही हैं.
पीएम की सुरक्षा की सबसे बड़ी चूक
अब इन सभी पहलुओं को समझने का प्रयास करते हैं, लेकिन सबसे पहले हुआ क्या, इस पर रोशनी डाल लेते हैं. मंगलवार को पीएम मोदी फिरोजपुर में एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे. वे सुबह 10.30 के करीब बठिंडा एयरपोर्ट भी पहुंच गए थे. फिर वे कार्यक्रम स्थल पर करीब दोपहर 1.30 बजे कई परियोजनाओं की नींव भी रखने वाले थे. उनकी चुनावी रैली भी उसी दौरान होनी थी. लेकिन फिर दोपहर दो बजे के करीब उनका काफिला सड़क पर ही रोक दिया गया और वे 20 मिनट तक फंसे रह गए.
कहा जा रहा था कि पीएम के इस संबोधन के साथ पंजाब चुनाव के लिए बीजेपी के चुनावी प्रचार का शुभआरंभ हो जाएगा. लेकिन ऐसा होने से पहले ही किसानों का प्रदर्शन हुआ, उनके काफिले को रोका गया और सुरक्षा में सबसे बड़ी चूक हो गई.
मामले की पूरी क्रोनोलॉजी
इस घटना की पूरी क्रोनोलॉजी गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी से समझी जा सकती है. पीएम मोदी सुबह 10.30 के करीब बठिंडा पहुंचे थे. यहां से उन्हें हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. लेकिन खराब रोशनी और बारिश के चलते पीएम मोदी 20 मिनट तक इंतजार करते रहे. लेकिन मौसम में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने सड़क के रास्ते राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने का फैसला किया. इस रास्ते से 2 घंटे का समय लगना था. पंजाब डीजीपी से सुरक्षा प्रबंधों की पुष्टि के बाद पीएम मोदी सड़क के रास्ते आगे बढ़े.
राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी पहले पीएम मोदी का काफिला जब फ्लाईओवर पर पहुंचा, तो यहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक रखा था. इसके चलते पीएम मोदी के काफिले को 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा. उस समय दोपहर के करीब दो बज रहे थे. इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है. अब इस पूरे मामले और ज्यादा तूल तब पकड़ लिया जब पीएम मोदी ने बठिंडा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से बात करते हुए कह दिया कि सीएम को थैंक्स कहना, मैं जिंदा एयरपोर्ट पहुंच गया हूं. उनके इसी बयान ने बीजेपी कार्यकर्ताओं के गुस्से को और ज्यादा बढ़ा दिया और सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगने लगे.
बीजेपी का क्या आरोप?
सबसे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सुंधाशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे कांग्रेस की साजिश बता दिया. स्मृति की माने तो ये कांग्रेस के खूनी इरादे थे और ये फिर साबित करने का प्रयास था कि वे पीएम मोदी से कितनी नफरत करते हैं. बीजेपी के दूसरे दिग्गज नेताओं ने भी एक-एक कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा किया.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ जिस प्रकार की गंभीर चूक आज पंजाब में हुई है, वह अक्षम्य है. ये देश ऐसी किसी भी साजिश को सफल नहीं होने देगा, पंजाब सरकार और कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने बोला कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जन-जन के नेता हैं. पंजाब में कांग्रेस सरकार पराजय से भयभीत है और पार्टी हाईकमान की कठपुतली बनकर शासन की मर्यादाओं को तार-तार कर रही है. प्रधानमंत्री की सौगातों से पंजाब के नागरिकों को वंचित रखने का पाप कांग्रेस ने किया है. कांग्रेस हमेशा से विकास, लोक कल्याण, गरीब उत्थान और राष्ट्र के नव निर्माण की विरोधी रही है. जब पंजाब में विकास के नए युग की शुरुआत होनी थी, तो उसे न सिर्फ बाधित किया गया, बल्कि प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में लापरवाही कर देश के साथ धोखा करने की नाकाम कोशिश की गई. ओछी हरकतों के कारण देश कांग्रेस मुक्त होना चाहता है, तो क्या बौखलाहट में कांग्रेस नेता पद का दुरुपयोग कर ऐसी ही आपराधिक लापरवाही को अंजाम देंगे?
कांग्रेस का पलटवार
अब बीजेपी ने आरोप लगाया तो कांग्रेस की तरफ से भी पलटवार किया गया. किसी ने इसे बहाना करार दिया तो किसी ने किसानों का गुस्सा बता दिया. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस विवाद पर कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा कि पीएम के दौरे को लेकर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी नाराज था. उनकी तरफ से प्रदर्शन किया जा रहा था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने खुद किसानों से बातचीत की थी. उनकी कुछ मांगे थीं- अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा, हरियाणा, दिल्ली और यूपी में किसानों के खिलाफ केस वापसी, 700 शहीद किसानों को मुआवजा और MSP पर कमेटी. सुरजेवाला ने तो यहां तक दावा कर दिया कि पीएम मोदी की आज की रैली में कोई भीड़ इकट्ठा नहीं हो पाई थी. मोदी को सुनने कोई नहीं आया था. ऐसे में बीजेपी को आरोप नहीं लगाना चाहिए और आत्म मंथन करना चाहिए.
सीएम चन्नी की तरफ से भी जोर देकर कहा गया कि उनकी तरफ से कोई सुरक्षा में चूक नहीं की गई है. उनके मुताबिक ऐन वक्त पर पीएम का कार्यक्रम बदला गया और उन्हें या फिर सरकार को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने ये भी कहा कि पीएम की रैली के लिए 70 हजार सीटों का इंतजाम था, लेकिन आए सिर्फ 700, अब इसमें मैं क्या कर सकता हूं.
खैर इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच अभी तक पंजाब सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शुरू में कहा गया था कि एसएसपी का सस्पेशन हुआ है लेकिन बाद में इसे गलत बता दिया गया. वहीं गृह मंत्रालय की तरफ से पंजाब सरकार और पुलिस ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. जोर देकर कहा जा रहा है कि जवाबदेही तय की जाएगी.