पीएम मोदी OBC कार्ड का जवाब देने की तैयारी में, जातीय जनगणना की मांग में है विपक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दलित, पिछड़े, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण का संकल्प दोहराया है।

Update: 2021-08-15 18:37 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से दलित, पिछड़े, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण का संकल्प दोहराया है। नीट में ओबीसी आरक्षण और संविधान संशोधन विधेयक पारित करने के बाद प्रधानमंत्री के इस ऐलान ने विपक्ष की चुनौतियां बढा दी है। विपक्ष अभी तक ओबीसी को लेकर सरकार के हर फैसले का समर्थन करता रहा है। पेगासस और किसानों के मुद्दे पर सरकार के गतिरोध के बावजूद विपक्ष को संविधान संशोधन का समर्थन करना पडा। पर जातीय जनगणना के जरिए विपक्ष को पलटवार का मौका मिल गया है।

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उप्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ओबीसी का मुद्दा उठा रही है। पर जातीय जनगणना के मुद्दे पर चुप है। वहीं, जातीय जनगणना का कई ऐसी पार्टियां भी समर्थन कर रही है, जो कई मौकों पर सरकार का साथ देती रही है।
जातीय जनगणना का मुद्दा जोर पकड़ता है, तो भाजपा का वोट बैंक बिखर सकता है। जिसका सीधा राजनीतिक फायदा उन्हें मिलेगा। इसलिए, विपक्ष की कई पार्टियां जाति आधारित जनगणना को लेकर दबाव बना रही हैं। वहीं, भाजपा पूरी तरह बैकफुट पर है।
विपक्षी दल जानते हैं कि भाजपा के ओबीसी कार्ड का जवाब जातिगत जनगणना की मांग से दिया जा सकता है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री लालकिले से आरक्षण से वकालत कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें जातिगत जनगणना कराने से भी इनकार नहीं करना चाहिए।
देश में 2021 में जनगणना होनी थी, पर कोरोना महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया था। सरकार अब इसकी शुरुआत करना चाहती है, पर विपक्ष जातीय जनगणना का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है ताकि,भाजपा ओबीसी आरक्षण का फायदा नहीं उठा पाए।
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