नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय 'भारत ड्रोन महोत्सव 2022' का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है. ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है. ये भारत में रोजगार सृजन के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती है. 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी. न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के रास्ते पर चलते हुए, ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को हमने प्राथमिकता बनाया.
उन्होंने कहा, 'पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको एंटी-पुअर साबित करने की कोशिशें हुईं. इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा. इसका सबसे अधिक नुकसान गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ. टेक्नोलॉजी ने लास्ट माइल डिलीवरी को सुनिश्चित करने में, सेचुरेशन के विजन को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की है और मैं जानता हूं कि हम इसी गति से आगे बढ़कर अंत्योदय के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, 'आज देश ने जो रोबस्ट, UPI फ्रेमवर्क डवलप किया है, उसकी मदद से लाखों करोड़ रुपए गरीब के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं. महिलाओं को, किसानों को, विद्यार्थियों को अब सीधे सरकार से मदद मिल रही है. ड्रोन टेक्नोलॉजी कैसे एक बड़ी क्रांति का आधार बन रही है, इसका एक उदाहरण पीएम स्वामित्व योजना भी है. इस योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है, डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं.'
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि 2026 तक ड्रोन का उद्योग 15,000 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा. आज 270 ड्रोन के स्टार्टअप्स हैं, यह आने वाले वक्त में और बढ़ेंगे. आने वाले 5 साल में ड्रोन उद्योग में 5 लाख रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे. ड्रोन निकट भविष्य में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत आगे लेकर जाएगा. ड्रोन क्रांति की चिंगारी सबसे पहले हमारे किसानों और गांव के लोगों ने पूरे देश में लगाई है.'