गांवों में बड़े व्यावसायिक भवन बनाने से पहले अनुमति जरूरी

Update: 2025-02-13 11:00 GMT
Hospice. धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में फोरलेन के 100 मीटर दायरे में बसे लोग अब टाउन एंड कंट्री प्लांनिग में शामिल होंगे। ऐसे में संबंधित एरिया में रहने वाले घरेलू या कॉमर्शियल भवनों के निर्माण या पुनर्निर्माण के लिए टीसीपी ने एनओसी लेना अनिवार्य बना दिया गया है। हालांकि फोरलेन निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त या आधे टूटे भवनों की रिपेयर संबंधित लोग आसानी से करवा सकते हैं। सरकार यह इसलिए कर रही है, ताकि निर्माण का तौर-तरीका उचित हो। फोरलेने से दूरी भी नियमों के मुताबिक हो, ताकि उन्हें कोई संकट न हो। हिमाचल प्रदेश में पठानकोट से मंडी और कांगड़ा से शिमला के लिए दो नए फोरलेन के निर्माण हो रहे हैं। इन दोनों ही सडक़ मार्गों पर बड़े स्तर पर लोगों के घर व व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। जिनके पूरे भवन फोरेलेन की जद में आ गए हैं, उन्हें कुछ क्लेम मिल
गया है।


लेकिन जिनके आधे अधूरे भवन तोड़े गए हैं और अब उन्हें टाउन एंड कंट्री प्लांनिग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि विभाग का दावा है कि लोग रिपेयर कर सकते हैं, लेकिन नए निर्माण या अतिरिक्त निर्माण के लिए संबंधित व्यक्ति को ऑनलाइन आवेदन कर विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है। कहा जा रहा है कि लोग फोरलेन जैसी तेज गति वाली सडक़ के किनारे कोई ऐसे निर्माण न करें, जिससे भविष्य में किसी तरह का खतरा हो या संबंधित लेागों को ही किसी तरह का जोखिम उठाना पड़े। री-कंस्ट्रक्शन करने वालों को भी विभाग को सूचित करना पड़ेगा, ताकि नियमों संबंधित उन्हें जानकारी दी जा सके। उधर, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आफिसर रशिक शर्मा का कहना है कि अब फोरेलेन के दोनों तरफ 100-100 मीटर एरिया को टीसीपी में शामिल किया गया है। ऐसे में नए निर्माण के लिए एनओसी लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मात्र दो दिनों में उन्हें एनओसी दे दी जाएगी। इसका मकसद यह है कि फोरेलन जैसे महत्त्वपूर्ण राज मार्ग के साथ सटे एरिया में योजना के तहत निर्माण किया जाए। इससे जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
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