पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया 216 फीट ऊंचा Statue Of Equality, पांच धातुओं से बनाई गई है रामानुजाचार्य की मूर्ति

पढ़े पूरी खबर

Update: 2022-02-05 13:59 GMT

पीएम नरेंद्र मोदी आज हैदराबाद दौरे पर हैं. यहां पर उन्होंने देश को 216 फीट ऊंची Statue Of Equality की मूर्ति समर्पित की है. ये मूर्ति 11वीं सदी के वैष्णव संत रामानुजाचार्य की है. उनके जन्म के हजार वर्ष पूरे हो चुके हैं, ऐसे में पीएम मोदी द्वारा वैष्णव संत को ये बड़ा सम्मान दिया जा रहा है.

बताया गया है कि Statue Of Equality बैठी हुई मुद्रा में दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति है. इसे हजार करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. इसको बनाने में सोना, चांदी, तांबा, पीतल का भरपूर इस्तेमाल किया गया है. मूर्ति के अलावा 63,444 वर्ग फुट क्षेत्र के भूतल में एक विशाल फोटो गैलरी भी तैयार की गई है जहां पर संत रामानुजाचार्य का पूरा जीवन देखने को मिलेगा.
जानकारी ये भी मिली है कि संत रामानुजाचार्य की मूर्ति के पास में सभी देशों के झंडे लगाए जाएंगे. ऐसा करने के पीछे मंशा ये है कि संत रामानुजाचार्य ने अपने पूरे जीवन में कभी भी जाति-धर्म-रंग के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया था.
अब पीएम मोदी ने उन्हीं सत की इस विशाल मूर्ति का अनावरण कर दिया है. पहले उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्जना की, पूरे रीति-रिवाज के साथ सभी परंपराओं को पूरा किया और फिर इस 216 फीट ऊंची मूर्ति को देश के नाम समर्पित किया. इस खास मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान विस्तार से संत रामानुजाचार्य के विचारों के बारे में बताया है. उन्होंने उन्हें ज्ञान का सच्चा प्रतीक माना है, जोर देकर कहा है कि वे कभी भी भेदभाव नहीं करते थे. वे हमेशा यहीं चाहते थे कि सभी का विकास हो, सभी को सामाजिक न्याय मिले.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस बात का भी जिक्र किया कि इस मूर्ति के अनावरण के साथ एक बार फिर पूरे देश में सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नींव को मजबूत कर दिया गया है.
इस अनावरण से पहले पीएम मोदी ने पाटनचेरु में ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शिरकत की थी. तब पीएम ने कहा था कि हम दोहरी रणनीति पर काम कर रहे हैं. एक तरफ हम वाटर कर्वर्जन के माध्यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को इरिगेशन के दायरे में ला रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हम कम सिंचित क्षेत्रों में वाटर यूज इफेसिएंसी बढ़ाने के लिए माइक्रो इरिगेशन पर जोर दे रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि ICRISAT एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि अनुसंधान करता है. यह किसानों को बेहतर फसल की किस्में और संकर प्रदान करके मदद करता है.
Full View
Full View
Tags:    

Similar News

-->