दिल्ली। पीएम मोदी ने आज बड़ी घोषणा की है. पुराने संसद भवन का नाम 'संविधान सदन' रखा है. संसद में संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान की कॉपी लेकर नए संसद भवन के लिए निकल गए हैं. उनके साथ सभी सांसद भी हैं. इस यात्रा के नई संसद पहुंचने के बाद ही आज संसद की कार्यवाही शुरू होगी.
प्रधामंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भवन को सिर्फ पुरानी पार्लियामेंट कहकर छोड़ दें तो ऐसा नहीं होना चाहिए. इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि भविष्य में अगर सभी की सहमति हो तो इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए. ताकी यह हमेशा हमारे जीन की प्रेरणा बनी रहे. जब हम इसे संविधान सदन पुकारेंगे तो यह उन महापुरुषों की भी याद दिलाएगी, जो कभी संविधान सभा में बैठा करते थे. भावी पीढ़ी को यह तौहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा. हमारे लिए छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म हो गया है. सबसे पहले, हमें आत्मनिर्भर भारत बनने का लक्ष्य पूरा करना होगा. यह समय की मांग है, यह हर किसी का कर्तव्य है. पार्टियां इसके आड़े नहीं आतीं. सिर्फ दिल चाहिए, देश के लिए चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है. एक के बाद एक घटनाओं पर नजर डालें तो हर एक घटना इस बात की गवाह है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जाग उठा है. भारत एक नई ऊर्जा से भर गया है. यही चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में बदल सकती है और उन संकल्पों को हकीकत में बदल सकती है.