PHOTOS: जोधपुर महाराजा की नायाब बंदूकें की चर्चा खूब, हैरान करने वाली है इनकी खासियत

जोधपुर में प्राचीन राजवंश की नायाब बंदूकों

Update: 2021-01-05 02:25 GMT

फाइल फोटो 

जोधपुर में प्राचीन राजवंश की स्‍थापना आठवीं सदी में हुई थी. इस राजवंश की गद्दी में बैठने वाले महाराज जोधपुर कहे जाते थे. महाराज जोधपुर की नायाब बंदूकों की चर्चा मुगलों से लेकर अंग्रेजी जमाने में भी खूब होती थी. आइए यहां देखते हैं महाराज जोधपुर की बंदूकों की एक झलक और उनके बारे में क‍ि क्‍या है इन बंदूकों की खास‍ियत...


कहते हैं जान है तो जहान है, सुरक्षा है तो इत्मीनान है. शायद इसीलिए मनुष्य की रक्षा के लिए शस्त्रों के बाद बंदूकों को जगह म‍िली.

तस्‍वीर की ड‍िटेल---
Nüremburg eight–shot revolver dated 1597 bearing the spur workshop stamp of Hans Stopler. Maihaugen Museum, Lillehammer, Norway.Camilla Damgård, मेहौजें


बीती सदियों में जब मुगलों ने राजपूतों पर हमला बोल दिया और सुरक्षात्मक हथियारों के अभाव में राजपूतों को मुंह की खानी पड़ी, तो बंदूकों की ज़रूरत को महसूस किया गया.
(यहां तस्‍वीर में देखें सिक्‍स शॉट स्नैपहांस रिवॉल्‍व‍िंग गन जो क‍ि लंदन के बंदूक मेकर जॉन डेफ्ट ने सत्रहवीं शताब्‍दी में बनाई थी.)
गन डिटेल यहां देखें-
14 3/8 in. (36.6 cm), barrel length; 46 calibre.
Wadsworth Atheneum Museum of Art, Hartford, CT
The Elizabeth Hart Jarvis Colt Collection, 1905.1022.
Photography credit: Allen Phillips/Wadsworth Atheneum


 

फिर यहां के महाराजाओं द्वारा शुरू हुआ एक से एक बढ़कर एक काबिल, तीसमारखां बंदूकों को ख़रीदने, बनाने व संग्रह का सिलसिला, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता ही रहा.
(यहां तस्‍वीर में है 18वीं सदी में बनी कैमेल गन JUJARBA)
गन डिटेल यहां देखें-
OVERALL LENGTH: 122 CM
BARREL LENGTH: 75 कम


 


इन्हीं बंदूकों का इतिहास बयां करती एक पहली और एकमात्र किताब द महाराजा ऑफ जोधपुर्स गन्स, जो ब्रिटिश लेखक रॉबर्ट एलगुड द्वारा लिखी और नियोगी बुक्स एवं मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में प्रकाशित की गई है.
(तस्‍वीर में है शुतुरनाल, 18वीं सदी के पूर्व में बनी बैरल ज‍िसे 19वीं सदी में मोडिफाई क‍िया गया)
डिटेल
OVERALL LENGTH: 127 CM
BARREL LENGTH: 74 कम



 

बेशक़ीमती बंदूकों से सजी इस अद्भुत किताब में इनके बारे में भरपूर जानकारी, तीन सौ से भी अधिक चित्रों एवं ज्ञान का विस्तृत भंडार है, जिससे यह हर किसी को विस्मित कर देती है.
BLUNDERBUSS. KARABIN
Sindh
Last quarter of the eighteenth or early nineteenth century
OVERALL LENGTH: 78 CM
Barrel length: 37 cm


सत्रहवीं सदी के गुजराती मछली के आकार की मदर-ऑफ-पर्ल प्राइमिंग फ्लास्क को पीतल के नाखूनों के साथ लकड़ी के कोर पर सेट करके बनाया गया है. इसकी कुल लंबाई: 25 सेमी है.



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