विरोध: मंदिर-मस्जिद विवाद में पीएफआई की हुई एंट्री, कहा- बीजेपी शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है

Update: 2022-05-27 08:04 GMT

नई दिल्ली: वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद में अब कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) भी खुलकर सामने आ गया है. पीएफआई ने ज्ञानवापी मस्जिद पर किसी भी कार्रवाई का विरोध करने का ऐलान कर दिया है. पीएफआई ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि अदालत को काशी-मथुरा पर याचिका मंजूर नहीं करनी चाहिए.

प्रतिबंधित संगठन सिमी के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन पीएफआई ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाने के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को भी निराशाजनक बताते हुए कहा है कि कोर्ट 1991 के वर्शिप एक्ट का ध्यान रखते हुए याचिका स्वीकार न करे. पीएफआई ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकार के साथ ही असम पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है. PFI ने कहा है कि जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है, वहां मुसलमान निशाने पर हैं.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक PFI 21 मई को केरल के Alappuzha जिले में आयोजित 'सेव द रिपब्लिक' कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण और नारेबाजी के मामले में जिलाध्यक्ष नवास वंदनम की गिरफ्तारी पर भी भड़क गया है. संगठन ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताते हुए कहा है कि इससे अराजकता बढ़ेगी. केरल पुलिस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रभाव बढ़ रहा है. पीएफआई की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि आयोजन में संघ के आतंक के खिलाफ नारे लगे थे. ये नारे बच्चों को हमने लिखकर नहीं दिए थे, उन्होंने खुद लगाए थे.
PFI के केरल अध्यक्ष सीपी मोहम्मद बशीर की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत और हिंसा भड़काने वाले कई भाषण पिछले कुछ साल में हुए हैं. कुछ हिंदूवादी नेताओं के नाम गिनाते हुए पीएफआई ने आरोप लगाया है कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे और हिंसा के लिए उकसाने वाले भाषण दिए गए लेकिन पुलिस ने किसी भी मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की. ऐसा लग रहा है जैसे इन्हें मुसलमानों को निशाना बनाने वाले अभियान को अंजाम देने के लिए पूरी छूट दी गई है. पीएफआई ने नवास वंदनम को तुरंत रिहा किए जाने की मांग की है.
नवास वंदनम की गिरफ्तारी को लेकर केरल पुलिस ने कहा है कि ये कार्रवाई बच्चों से नारेबाजी कराने के लिए की गई है. प्रतिबंधित संगठन SIMI का फ्रंट ऑर्गेनाइजेशन माने जाने वाले PFI की ओर से आयोजित जलसे में बच्चों से भड़काऊ नारे लगवाए जाने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए जाने के आरोप भी लग रहे हैं. कथित रूप से इस आयोजन के दौरान ये भी कहा गया कि एक और बाबरी नहीं बनने देंगे.
आरोप है कि पीएफआई की ओर से आयोजित इस जलसे में राज्यसभा के पूर्व सांसद ओबैदुल्ला खान आजमी ने संघ और बीजेपी को लेकर भड़काऊ भाषण दिए. पीएफआई ने केरल पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है. पीएफआई की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि पुलिस की ये कार्रवाई संघ की उस कोशिश के अनुरूप है जिसमें वे ये संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि नारे उनके नहीं, धर्म के खिलाफ लगाए गए. बच्चों ने जो नारे जलसे के दौरान लगाए थे, वे संघ के खिलाफ थे.


Tags:    

Similar News

-->