कोविड स्टाफ की नौकरी के लिए जल्द बनेगी स्थायी नीति: सुक्खू

Update: 2023-10-02 09:15 GMT
चम्बा। प्रदेश के मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में तैनात कोविड स्टाफ की नौकरी के लिए जल्द ही स्थायी नीति बनाई जाएगी। सभी कर्मचारियों को कानून दायरे के तहत लाया जाएगा ताकि उनके भविष्य के साथ कोई भी खिलवाड़ न हो। यह बात चम्बा पहुंचे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कही। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने इन कर्मचारियों की तैनाती से पूर्व कोई नीति नहीं बनाई, जिसके कारण आज इन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है। अगर इनके लिए कागजों में पॉलिसी बनाई होती तो मौजूदा सरकार को भी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। यह उनके प्रदेश परिवार का हिस्सा हैं, कोविड स्टाफ के बारे में स्वास्थ्य मंत्री समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों से लगातार संपर्क करके फाइल बनाने की बात कही है। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार तंज कसते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने कर्मचारियों के हितों में कोई निर्णय नहीं लिया है। जो भी नौकरी के लिए टैस्ट करवाए हैं उसमें हेराफेरी करके अयोग्य लोगों को नौकरी दी गई है। इसके कारण कांग्रेस सरकार को योग्य लोगों को नौकरी देने के लिए नए सिरे से कार्य शुरू करना पड़ा है।
राज्य के 1844 कोरोना आऊटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकालकर उन्हें भारमुक्त करके घर बिठा दिया गया है। अब कोरोना वॉरियर्ज अपनी नौकरी को लेकर चितिंत हो उठे हैं और मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से एक बार फिर भेंट करेंगे और उसके बाद राज्य स्तरीय बैठक करके आगामी ठोस रणनीति तैयार करेंगे। नौकरी से निकालने पर इन कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष है। इन कर्मचारियों को ई-मेल के अलावा बर्खास्तगी के आदेश घर भेज दिए गए हैं और इन्हें रिलीव कर दिया गया है। हिमाचल के अस्पतालों में सेवाएं देने के बावजूद कोरोना आऊटसोर्स कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन तक नहीं मिला है। हिमाचल कोरोना आऊटसोर्स कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष अंजलि भारद्वाज ने कहा कि कोरोना के समय में बिना अवकाश के कर्मचारियों ने अस्पतालों में सेवाएं दी हैं। उस दौर में कोविड वॉरियर्ज ने कार्य किया, जब लोग घरों से बाहर तक नहीं निकलते थे और आज उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया है।
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