सरकाघाट। उपमंडल सरकाघाट की ग्राम पंचायत बाग में गांव सरोहली क्षेत्र का एक मात्र ऐसा गांव है, जहां एक दर्जन से अधिक अनुसूचित जाति के परिवार आजादी के 76 वर्ष बाद आज भी सडक़ सुविधा से वंचित हैं। इसी समस्या को लेकर ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल सामाजिक कार्यकर्ता रमेश भारद्वाज की अध्यक्षता में एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा से मिला और सडक़ निर्माण के लिए हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया कि 10 वर्ष पूर्व बाग से ध्यान नरैल और सरोहली तक सडक़ के लिए ट्रेस लाइन निकाली गई थी। जिसके लिए ग्रामीणों ने एनओसी विभाग दे दी है। वन विभाग की फ ीस भी जमा कर स्वयं सडक को निकालने का प्रयास किया था और ट्रेस लाइन बन भी गई। लेकिन एक व्यक्ति ने अपने घर तक सडक़ तो बनने दी लेकिन आगे सरोहली में अनुसूचित जाति के परिवारों को सडक़ सुविधा न मिले इसके लिए सडक़ का काम रूकवा दिया।
जबकि सडक़ सरकारी भूमि पर निकाली जानी थी। उक्त व्यक्ति आज भी सरकारी जमीन पर सडक़ निकालने पर भी विरोध कर रहा है और आज स्थिति यह वन गई है कि सरोहली के लोग आज भी जरूरत का सामान सिर पर उठा कर लाते हंै और पालकी पर बिठाकर मरीजों को मेन सडक़ तक लाना पड़ता है और बरसात में तो अब रास्ते भी टूट गए। लोग भी गांव छोड़ कर वाहर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि अवैध रूप से सरकारी जमीन से जा रही सडक़ निर्माण कार्य को रोके जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कारवाई की जाए और सडक़ कार्य आगे बढ़ाया जाए ताकि अनुसूचित जाति के लोगों को सडक़ सुविधा के साथ साथ एंबुलेंस, गैस की गाड़ी, कार जीप ट्रक टैम्पू और टैक्सी की सुविधा मिल सके। अन्यथा ग्रामिण लोक सभी चुनावों का बहिस्कार करने में पीछे नहीं रहेगें। इस मौके पर अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक संयुक्त संघर्ष मोर्चा के महासचिव रणजीत सिंह, सदस्य बृज लाल आदि उपस्थित रहे। इनके अलावा पवन कुमार, शीला देवी, देवकू देवी, राजकुमार, ज्योति देवी, जीतो देवी, रूप लाल, आशीष कुमार इत्यादि लोग शामिल हैं।