सुनहरे भविष्य के लिए अयोध्या में ड्रेनेज निर्माण से हो रही परेशानी सहने को तैयार लोग
पवन त्रिपाठी
अयोध्या (आईएएनएस)| राम लला की जन्मभूमि अयोध्या में बहुत कुछ पुरानी विरासत के साथ जुड़ी हुई चीजें हैं। इस शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और लेआउट कभी पहले तैयार ही नहीं किया गया था। लेकिन अब हो रहे नए अयोध्या के निर्माण के चलते पूरे अयोध्या की सड़कें खुद गई हैं।
सीवर लाइन डालने का काम बहुत तेजी से हो रहा है। पूरे शहर में ड्रेनेज सिस्टम ना होने की वजह से जलभराव की समस्या से लोग लगातार जूझ रहे थे और शहर गंदा भी हो रहा था। अयोध्या के रामपथ समेत कई इलाकों में करीब 8 फीट के गहरे गड्ढे खोदकर सीवर ड्रेनेज का रास्ता तैयार किया जा रहा है।
लोगों के घरों के आगे हुई इस खुदाई से लोग परेशान भी हैं, दूसरी जगह जाने को मजबूर भी हैं, धूल और जलभराव से उन्हें दिक्कतें भी हो रही हैं। बावजूद इसके लोग इस बात से खुश हैं कि जल्द उनका अयोध्या विश्व पटल पर एक बिल्कुल अलग शहर के रूप में उभर कर सामने आएगा। जब देश विदेश से आए सैलानी यहां पहुंचेंगे, इस शहर को देखेंगे। तब उन्हें एहसास होगा कि इस आध्यात्मिक और पौराणिक नगरी में अब हाईटेक नगरी का मिलन हो चुका है।
इस काम को लेकर नगर निगम प्रशासन काफी मुस्तैदी से लगा हुआ है। उसकी कोशिश है कि बरसात आने से पहले बनाए जा रहे ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरीके से बना कर उसे घरों से कनेक्ट कर दिया जाए। ताकि जलभराव की स्थिति उत्पन्न ना हो सके।
नगर निगम के म्युनिसिपल कमिश्नर विशाल सिंह ने आईएएनएस को बताया कि इस बार अयोध्या का नया मास्टर प्लान स्वीकृत हुआ है। उसके मुताबिक जहां पर नाले हैं और ग्राउंड पर वाटर फ्लो का जो भी नेचुरल रास्ता है उसे बिल्कुल ना छेड़ा जाए। और उस पर किसी की भी भूमि हो उस पर मैप स्वीकृत नहीं किया जाए।
बहुत पहले से निर्माण होते आए हैं और हमने उन जगहों को चिन्हित किया है जहां पर निर्माण हो चुके हैं और पैटर्न के माध्यम से उनको रिवाइज किया जा रहा है। तमसा नदी और तिलोरकी नदी का रिवाइवल पिछले साल किया गया जिसके बाद लोगों को जलभराव की स्थिति से राहत मिली है।
नगर निगम के पास जो पुराना मैप है उसके हिसाब से जहां पर तालाब है या वॉटर बॉडीज है वहां दोबारा खुदाई कर उन्हें रिस्टोर किया जा रहा है। नगर निगम 3 पैटर्न पर काम कर रहा है। ड्रेनेज पेटर्न के साथ-साथ जहां एंक्रोचमेंट हुआ है उसे भी ठीक करने की कोशिश की जा रही है। नाले नालियों की सफाई की जा रही है। इसके साथ साथ जो केचमेंट एरिया है उसे भी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने बताया है कि नगर निगम के प्रोजेक्ट की जितनी भी डेडलाइन है वह सितंबर से अक्टूबर तक की है। हमारी कोशिश है कि हमारे चल रहे सभी प्रोजेक्ट को लगभग सितंबर से अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। नगर निगम के पास फिलहाल दीनदयाल उपाध्याय योजना मुख्यमंत्री द्वारा शहर के नवसृजित योजना पर पूरी तरीके से फोकस किया जा रहा है।
सबसे जायदा त्वरित रूप से सड़कें नालियां गलियां सभी का विकास किया जा रहा है। ताकि यहां पर जो भी जनता आए और यहां पर जो रहने वाले हैं उनको एक सुविकसित शहर का एहसास दिया जा सके।
अयोध्या के रहने वाले लोग इस ड्रेनेज सिस्टम के बनने से काफी परेशानियों से जूझते दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ दिन भर धूल मिट्टी की परेशानी, वहीं दूसरी ओर घर के सामने 8 फीट के गड्ढे खोद दिए गए हैं। जरा सी बरसात में गड्ढों में जलभराव हो जाता है जिसके कारण लोग और परेशान हो जाते हैं।
नए घाट से रामपथ के निर्माण को लेकर त्यहां रहने वाले मिश्रीलाल, गोपाल सोनकर, मोनू सोनी और कमला देवी जैसे कई लोग अपने घरों पर ताला लगा कर दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। लेकिन बावजूद इसके लोग इस बात से खुश हैं कि जल्द ही उनके शहर में वह सारी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी जो अन्य शहरों में होती हैं और विश्व पटल पर भी अयोध्या का नाम अलग से दिखाई देगा।
इस मामले को लेकर अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि राम पथ पर जो सीवरेज और ड्रेनेज का कार्य है वो बहुत ही आदर्श है। राम पथ पर जो सड़क बन रही है बहुत स्मार्ट सड़क बन रही है जिसमें सीवरेज लाइन गैस पाइपलाइन इलेक्ट्रिक सिटी समेत अन्य चीजें अंडरग्राउंड हो जाएंगी जो बाद में एक स्मार्ट सड़क के रूप में जानी जाएगी।
यहां के लोग धैर्य के साथ इन सब चीजों का इंतजार कर रहे हैं। राम पथ पर सड़क चौड़ीकरण का काम हो रहा है 10 मीटर एक तरफ और 10 मीटर दूसरी तरफ। इसके बाद तो चुनाव भी हुआ और लोगों का प्रेम आप साफ तौर पर देख सकते हैं। घर में अगर एक खिड़की भी बन रही हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी दिक्कत होती है। लोगों को असुविधा हुई बहुत से लोगों की दुकानें चली गई।