रिकांगपिओ। यह है जिला किन्नौर का यूला कंडा। यूला कंडा में प्राकृतिक झील के बीचोंबीच बना हुआ भगवान श्री कृष्ण का मंदिर। यूला गांव खास से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर लगभग 12778 फुट की ऊंचाई पर यूला कंडा है। जन्माष्टमी से पिछले दिन स्थानीय निवासी,बौद्ध लामा तथा अन्य श्रद्धालु यूला कंडा के लिए यात्रा शुरू करते हैं। यूला कंडा में कई प्रकार के फूल व जड़ी बूटियां पाई जाती हैं जिससे श्रद्धालुओं द्वारा 18 प्रकार के फूलों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जिला स्तरीय जन्माष्टमी पर्व यहां बड़ी धूम धाम से मनाया गया।
मान्यता है कि इस पवित्र तालाब में बने हुए मन्दिर का निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा वनवास एवं अज्ञातवास काल के दौरान किया था। जन्माष्टमी के दिन यूला कंडा में बनी प्राकृतिक झील के साथ बहती नहरों में लोगों ने टोपी डालकर अपना भविष्य जाना। यह मान्यता है कि यदि टोपी नहर में बहती हुई दूसरे स्थान पर सकुशल (बिना डूबे हुए) पहुंच जाए तो भाग्य अच्छा होता है तथा इसके विपरीत यदि टोपी नहर में डूब जाए तो अनिष्ट माना जाता है तथा अशुभ की स्थिति में श्रद्धालु पुन: श्रीकृष्ण मन्दिर जाकर प्रार्थना एवं क्षमा याचना करते हैं जिससे अशुभ संकेत भी शुभ स्थिति में परिवर्तित हो जाते हैं।