इस कलेक्टर को लोगों ने बताया असली जनसेवक

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Update: 2022-11-21 02:35 GMT
सोर्स न्यूज़  - आज तक  

एमपी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में आईएएस अफसर और कलेक्टर का एक अलग ही रूप देखने को मिला. एक गांव की महिला ने जब सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने की शिकायत की तो जिले के आला अफसर ने उसके हाथ पर अपना मोबाइल नंबर लिख दिया और कहा कि काम न हो तो इस नंबर पर कॉल करके बताना.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा एक महिला के हाथ पर अपना मोबाइल नंबर पेन से लिखते नजर आ रहे हैं. इस दौरान डीएम कहते नजर आ रहे हैं, ''मोबाइल है तुम्हारे पास? ये मेरा नंबर है, गांव में जिसके पास भी मोबाइल हो, उसे लिखवा देना. आज अफसर आएंगे गांव में... इस वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला कि डिंडौरी कलेक्टर सुबह नर्मदा तटों का मुआयना करने अपने नगर परिषद अमले के साथ पैदल निकले हुए थे. उसी दौरान लकड़ी बेचने वाली एक बैगा आदिवासी महिला से कलेक्टर ने सरकारी योजनाओं की जानकारी ली.

गोपालपुर निवासी महिला ने बताया कि उसे कोई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. कलेक्टर ने तुरंत नगर परिषद सीईओ को योजना का लाभ देने के लिए निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर ने अपना मोबाइल नंबर महिला की हथेली पर लिखकर कहा कि जब कोई अधिकारी न आए तो फोन लगाकर बताना. यह पूरा वाकया पास खड़े लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद कर लिया. वायरल वीडियो को देखने के बाद जिले के लोगों को कलेक्टर का यह अंदाज देख काफी तसल्ली मिली है.

नगर परिषद भ्रमण के दौरान कलेक्टर विकास मिश्रा से एक महिला ने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि नक्शा और खसरा के नाम पर एक सरकारी कर्मचारी ने उससे 3 हजार रुपए रिश्वत ली. इससे कलेक्टर गुस्सा गए और उन्होंने तत्काल परिषद के CMO सत्येंद्र सिंह सालवार को कॉल कर महिला के पैसे वापस दिलाने के निर्देश दिए. आईएएस अफसर विकास मिश्रा को इसी माह डिंडोरी जिले का कलेक्टर नियुक्त किया गया है. उनसे पहले इस पद पर आसीन रत्नाकर झा को भोपाल मंत्रालय में उप सचिव के पद पर वापस बुला लिया गया है. इससे पहले वह लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग में उपसचिव और सड़क विकास निगम के अपर प्रबंध संचालक थे.


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