गलन भरी ठंड से रोगियों की जान निकली

शीत लहर से शहरी कंपकंपा रहे हैं। गलन भरी ठंड से रोगियों की जान पर बन रही है

Update: 2021-12-30 17:29 GMT

शीत लहर से शहरी कंपकंपा रहे हैं। गलन भरी ठंड से रोगियों की जान पर बन रही है। फ्लू का हमला तेज हो गया है। पूरे शहर में वायरल संक्रमण फैला है। पुराने रोगियों की स्थिति अधिक बिगड़ रही है। कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में सांस फूलने और सीने में दर्द की शिकायत लेकर कई मरीज आ रहे हैं।

बहुत से रोगियों को पहली बार उनके हृदय रोग के बारे में पता चला। गुरुवार को तीन और पुराने रोगियों की मौत हो गई। दो की मौत हार्ट अटैक और एक की दमा से हुई है। हैलट और उर्सला की ओपीडी में फ्लू के रोगियों की गुरुवार को भीड़ रही।
इसके अलावा ब्रेन अटैक के रोगी गंभीर हालत में अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। दमा और अस्थमा के रोगियों का आक्सीजन लेवल नीचे आने पर वेंटिलेटर पर रखा गया है। इसके साथ ही ओपीडी में गैंगरीन के रोगी आना शुरू हो गए हैं। कई रोगियों को उंगलियों की सर्जरी के लिए भर्ती किया गया है।
रोगियों की उंगलियां खून का बहाव बाधित होने के कारण काली पड़ गई हैं। गोविंदनगर के जितेंद्र प्रसाद (56) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। कई दिनों से उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। उन्होंने कार्डियोलॉजी ओपीडी में दिखाया था। इसके साथ ही ककवन के बिंदेश्वरी (65) की हृदय गति रुकने से मौत हुई।
अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें ब्रॉट डेड घोषित कर दिया। इसके अलावा पांडुनगर के अजीत (64) की मौत हुई। वह दमा के रोगी थे। परिजनों ने बताया कि तड़के उन्हें दमा का अटैक पड़ा और मौत हो गई। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि बुजुर्ग रोगी तड़के ठंड में बाहर न निकलें और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें।
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