शिमला। सी.एम.सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपिन परमार को जवाब देते हुए कहा कि उनको कांगडा का इंचार्ज भाजपा ने बनाया है, इसलिए वह जयराम ठाकुर से ज्यादा बोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अतीत की बातों पर चर्चा करने का समय नहीं है भविष्य की चुनौतियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दान देने को लेकर वह चर्चा नहीं करना चाहते क्योंकि यह उनके स्वभाव में शामिल है। बचपन से वह इस तरह का दान करते हैं और पूर्व सरकार में कोरोना के समय में भी उन्होंने मदद की थी। उन्होंने कहा कि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री है और प्रधानमंत्री के पद की अपनी गरिमा है। ऐसे में तुलना नहीं होनी चाहिए कि पी.एम. ने क्या दिया, इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। विधायक राजेंद्र राणा ने चर्चा में भाग लेते डिजास्टर मैन्युअल में संशोधन की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी विधानसभा क्षेत्रों में नुक्सान हुआ है। ऐसे में केंद्र को राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए। उन्होंने केेंद्र से 5 हजार करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की मांग की।
उन्होंने कहा कि सी.एम. बड़े दिल वाले हंै, जिन्होंने 51 लाखरु पए की राशि राहत में प्रदान की है। उन्होंने कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं और जनता की आवाज को उठाने के लिए वह मुख्यमंत्री को पत्र लिख सकते हैं। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोगों ने अपनी पैंशन तक आपदा राहत कोष में जमा करवा दी है। बच्चों ने भी अपनी पोकेट मनी आपदा राहत कोष में दी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को भी आगे बढ़कर सहायता करनी चाहिए थी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधायक बलवीर वर्मा के बंद सड़कों के उठाए गए मामले का जवाब देते हुए कहा कि चौपाल के तहत केवल ढटूआ से मकरोग सड़क बंद है। सी.एम. के निर्देशों के बाद छोटे वाहनों को चलाने योग्य बनाया गया है। अब दूूसरे चरण में डंगे लगने हैं, उनको लगाने का काम शुरू कर रहे हैं। उसके लिए बजट मुहैया करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जे.सी.बी. मशीनों की जो बात की जा रही है, उसमें वह कहना चाहेंगे कि उस समय यह नहीं देखा कि मशीनें किसकी हैं उस समय सड़कों को खोलना जरूरी था। उन्होंने कहा कि डंगा लगने में 50 दिन लगते हैं। अगर कोई तकनीक ऐसी है, जिसमें इससे पहले सड़कें खुल सकती हंै तो वह बता दें, उसी को काम दे देंगे। डंगा लगाने के लिए पैसे विधायक निधि से दे सकते हैं, विपक्ष के विधायक की ओर से यह राय दी गई थी जिस पर सरकार ने अमल किया।