सोलन में ज्यों की त्यों बनी पार्किंग की समस्या

Update: 2024-04-27 11:52 GMT
सोलन। सोलन शहर में पार्किंग की समस्या लोगों के लिए ज्यो की त्यों बनी हुई है। कई सालों से लोग पार्किंग की समस्या को हल करने की मांग उठा रहे हैं। लेकिन कई साल बीतने के बाद भी लोगों को बेहतर सुविधा नहीं मिली है व यह समस्या जी का जंजाल बन चुकी है, जिससे लोगों में कहीं न कहीं निराशा भी है। आज भी यह ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है। बीते एक दशक से राजनीतिक सभाओं, मंचों में भी नेताओं ने अपनी जनसभाओं में पार्किंग स्थल बनाए जाने के दावे किए, लेकिन बीच मझधार में वादे लटके पड़े है। लोगों को उम्मीद थी कि व्यवस्था परिवर्तन के बाद भी लोगों को बेहतर पार्किंग मिलेगी, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सोलन शहर में करीब 50 हजार छोटे और बड़े वाहन प्रतिदिन सडक़ों पर दौड़ते हैं। शहर में कई फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े तथा अन्य वस्तुओं के बड़े-बड़े शोरूम हैं।

इसके अलावा लगभग दस से अधिक बैंक, दो दर्जन से अधिक निजी अस्पताल तथा अनेक शिक्षण संस्थान हैं। हैरानी की बात है कि पांच हजार वाहनों के लिए भी शहर में पार्किंग स्थल अभी तक नहीं है। 90 प्रतिशत वाहन शहर के गली-मोहल्लों और सडक़ों के किनारे पार्क किए जा रहे हैं। शहर में आने से पहले लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की खड़ी हो जाती है। शहर में वाहनों के लिए पार्किंग नहीं होने से जहां एक ओर लोगों को भारी भरकम चालान भरना पड़ रहा है, वहीं बाजार में वाहन खड़े होने से राहगीरों को भी चलने में दिक्कतें आती है। शहरवासी सडक़ों के किनारे वाहन खड़ा करने को विवश हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। हालांकि पुलिस चालान काटती है, मगर बावजूद इसके रोजाना मालरोड समेत शहर की अन्य सडक़ों पर वाहनों की कतारें देखी जा सकती है। पार्किंग नहीं होने का खामियाजा अधिकतर उन लोगों को उठाना पड़ता है, जो बाजार में सामान खरीदने के लिए आते हैं।
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