Barbada school के बाहर धरने पर बैठे अभिभावक

Update: 2024-08-22 11:57 GMT
Girly. गरली। राजकीय प्राथमिक पाठशाला बरबाड़ा को अचानक उसे बंद करने का फरमान जारी होते ही अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को एसएमसी प्रधान आशा देवी के नेतृत्व में अभिभावक स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए। अपने मासूम बच्चों इस परेशानी से तंग अभिभावकों ने सरकार को दोटूक धमकी देते हुए कहा कि यहां मौजूदा समय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या अब 18 पहुंच गई है और अब उपरोक्त स्कूल को बंद
करना उचित नहीं है।
इस दौरान वहां मौके पर पहुंचे जिला परिषद ढलियारा इशान शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपते हुए एसएमसी प्रधान आशा देवी व मौजूद अन्य अभिभावकों ने बताया कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश सरकार ने मर्ज करने बारे जो मापदंड बनाए थे, वह 30 अप्रैल 2024 के अनुसार फैसला लिया था कि प्रदेश में जिन पाठशाला में पांच या पांच से कम उनको समीप की पाठशाला में मर्ज किया जाए, जबकि वर्तमान समय में 18 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि मर्ज की हुई पाठशाला की दूरी लगभग दो किलोमीटर से अधिक है, वह पाठशाला के साथ गांव के बीच जो रास्ता है, वह बरसात के दिन में नाले का रूप धारण कर लेता है, जिसमें बच्चों की आवाजाही नहीं हो सकती है। एसएमसी प्रधान आशा देवी, वार्ड पंच कमलेश कुमारी, अभिभावकों व पाठशाला के लिए भूमि दान करने वाली शीला देवी धर्मपत्नी स्वर्गीय रतन चंद व जिला परिषद सदस्य इशांत शर्मा ने सरकार से अपील की है कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर वर्तमान समय में मापदंडों के अनुसार राजकीय प्राथमिक पाठशाला को यथावत रखा जाए।
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