परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, डेलकर आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे अनिल देशमुख

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कम‍िश्‍नर परमबीर सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

Update: 2021-03-22 17:34 GMT

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कम‍िश्‍नर परमबीर सिंह (Parambir Singh Letter) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सर्वोच्च अदालत में दाखिल याचिका में सिंह ने देशमुख के खिलाफ बड़ा आरोप भी लगाया है। याचिका में सिंह ने कहा कि अनिल देशमुख दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे।

मुंबई के पूर्व पुलिस कम‍िश्‍नर परमबीर सिंह 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने मुंबई के पुलिस कम‍िश्‍नर पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र और सीबीआई को देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।
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हर महीने 100 करोड़ की वसूली करने का टारगेट
सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने अपने घर पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया था। इसके साथ ही अलग-अलग प्रतिष्ठानों और अन्य सोर्स से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।



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ट्रांसफर और पोस्टिंग में भी भष्ट्राचार
सिंह ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में देशमुख के कदाचार को 24-25 अगस्त 2020 को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था।

'बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे'
सिंह ने कहा कि देशमुख अलग-अलग जांचों में हस्तक्षेप कर रहे थे और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि वे स्पेशल तरीके से उनके बताए दिशा-निर्देशों पर अमल करें। इस तरह की एक घटना का हवाला देते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे।


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पुलिस विभाग के लीगल सेल से सलाह मांगी
सांसद मोहन डेलकर 22 फरवरी को अपने मुंबई के होटल के कमरे में मृत पाए गए थे और अपने पीछे 15 पन्नों का सुइसाइड नोट छोड़ा था। सिंह ने कहा कि शुरुआती पूछताछ और रिपोर्ट के बाद, उन्होंने मामले की जांच शुरू की और पुलिस विभाग के लीगल सेल से सलाह मांगी।

दबाव के आगे नहीं झुके परमबीर
याचिका में आरोप लगाया गया है कि गृह मंत्री, महाराष्ट्र सरकार की ओर से बीजेपी के कुछ नेताओं की भूमिका की जांच करने और किसी तरह उन्हें फंसाने के लिए दबाव डा रहे थे। याचिकाकर्ता ने हालांकि उनके दबाव के आगे नहीं झुके।


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