परमवीर चक्र विजेता 'मानद लेफ्टिनेंट' योगेंद्र सिंह यादव को मानद कैप्टन की रैंक से सम्मानित किया
75वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- 75वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद लेफ्टिनेंट) योगेंद्र सिंह यादव को मानद कैप्टन की रैंक से सम्मानित किया गया। योगेंद्र यादव उस समय सिर्फ 19 वर्ष के थे जब कारगिल युद्ध के दौरान अदम्य साहस का प्रदर्शन करने के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। अभी तक 337 सेवारत नान-कमीशंड सैन्यकर्मी मानद कैप्टन और 1,538 को मानद लेफ्टिनेंट की रैंक से सम्मानित किए गए थे।
जेके पुलिस: एएसआइ बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र
75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआइ) बाबू राम को मरणोपरांत शांति काल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'अशोक चक्र' प्रदान किया गया है। जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस के ही कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन बट को देश का दूसरा सबसे ब़़डा वीरता पुरस्कार 'कीर्ति चक्र' प्रदान किया गया है। तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार 'शौर्य चक्र' 15 जांबाजों को दिया गया है।
राष्ट्रपति कोविन्द ने 144 वीरता पुरस्कारों को दी स्वीकृति
एक सरकारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लिए कुल 144 वीरता पुरस्कारों को स्वीकृति प्रदान की है। इनमें चार बार टू सेना मेडल, 116 सेना मेडल, पांच नौसेना मेडल और दो वायुसेना मेडल भी शामिल हैं।
बाबू राम की नियुक्ति जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल के तौर पर हुई थीसुरक्षा, विश्वस्तरीय ट्रेनों, स्टेशन पुनर्विकास और बुलेट ट्रेनों को सर्वोच्च प्राथमिकतारेल मंत्री ने कहा- भ्रष्टाचार, विभागवाद और सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं, 150 रेलवे स्टेशनों का होगा पुनर्विकास
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में मेंढर कस्बे के धराना गांव में बाबू राम का जन्म 15 मई, 1972 को हुआ था। वह बचपन से ही सशस्त्र बलों में जाना चाहते थे। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद 1999 में उनकी नियुक्ति जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल के तौर पर हुई थी। 27 जुलाई, 2002 को उनकी तैनाती श्रीनगर में स्पेशल आपरेशंस ग्रुप (एसओजी) में हुई थी। इस ग्रुप में रहते हुए वह करीब 14 मुठभेड़ाें में शामिल रहे जिनमें 28 आतंकी मारे गए।
आतंकी सरगना नए लोगों के साथ भी इन्हीं एप के जरिये सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे।केरल आइएस माड्यूल के आतंकी करते थे हूप व राकेट चैट से संवाद, एनआइए की जांच में सामने आई जानकारी
कांस्टेबल बट ने एक व्यक्ति की रक्षा की और आतंकी को मार गिराया था
कांस्टेबल बट श्रीनगर में शफाकदल इलाके के रथपोरा के निवासी थे। उन्हें एक व्यक्ति की सुरक्षा में पीएसओ के तौर पर गांदरबल में तैनात किया गया था। पिछले साल छह अक्टूबर को उस व्यक्ति पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। बट ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उस व्यक्ति की रक्षा की और आतंकी को मार गिराया था। इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की फाइल फोटो75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आडवाणी बोले; विविधता का सम्मान, अभिव्यक्ति की आजादी भारतीय लोकतंत्र का सार
शांतिकाल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार 'शौर्य चक्र'
शांतिकाल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार 'शौर्य चक्र' छह सेना कर्मियों, दो वायुसेना अधिकारियों, एक नौसेना अधिकारी और छह पुलिस व अर्धसैन्य कर्मियों को प्रदान किया गया है। सेना कर्मियों में मेजर अरुण कुमार पांडेय, मेजर रवि कुमार चौधरी, कैप्टन आशुतोष कुमार (मरणोपरांत), कैप्टन विकास खत्री, राइफलमैन मुकेश कुमार और सिपाही नीरज अहलावत शामिल हैं। नौसेना के कैप्टन सचिन रबेन सिकेरा और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन परमिंदर एंटिल व विंग कमांडर वरुण सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
आठ को गलवन, छह को फिंगर-4 और छह को हाट स्प्रिंग्स में वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए किया गया सम्मानितएलएसी की रक्षा में चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए 20 आइटीबीपी जवानों को वीरता पुलिस पदकचार कट्टर नक्सलियों को ढेर करने के लिए सीआरपीएफ के तीन कोबरा कमांडो को शौर्य चक्र
वर्ष 2019 में आम चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में चार कट्टर नक्सलियों को ढेर करने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के तीन कोबरा कमांडो डिप्टी कमांडेंट चितेश कुमार, सब-इंस्पेक्टर मनजिंदर सिंह और कांस्टेबल सुनील चौधरी को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इनके अलावा ओडिशा पुलिस के कमांडो देबाशीषष सेठी ([मरणोपरांत)], सुधीर कुमार टुडु ([मरणोपरांत)] और जम्मू-कश्मीर पुलिस के शाहबाज अहमद को भी यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया है।