पद्म पुरस्कार से सम्मानित हुई पंडवानी गायिका ऊषा बारले, देखें VIDEO...

राष्ट्रपति ने किया सम्मान

Update: 2023-03-22 14:26 GMT
नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका ऊषा बारले ने प्रदेश का मान बढ़ाया है. पद्म पुरस्कार के दौरान दरबार हॉल में कुछ ऐसा किया कि पूरा हॉल तालियों से गड़गड़ा उठा. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी प्रणाम करके अभिवादन किया. इस दौरान छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका ऊषा बारले के चेहरे पर अलग ही मुस्कान झलक रही थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कार से पंडवानी गायिका ऊषा बारले सम्मानित किया.
दरअसल, पंडवानी गायिका ऊषा बारले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हांथों सम्मान लेने जा रहीं थीं. इस दौरान ऊषा बारले ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को साष्टांग प्रणाम किया, जिसे देख दरबार हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. पंडवानी गायिका ऊषा बारले के चेहरे पर खुशियां झलक रही थी. इस दौरान पीएम मोदी, अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्री और हस्तियां शामिल रहीं.
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ऊषा बार्ले कापालिक शैली की पंडवानी गायिका हैं. 2 मई 1968 को भिलाई में जन्मी उषा बारले ने सात साल की उम्र से ही पंडवानी सीखनी शुरू कर दी थी. बाद में उन्होंने तीजन बाई से इस कला की रंगमंच की बारीकियां भी सीखीं. पंडवानी छत्तीसगढ़ के अलावा न्यूयॉर्क, लंदन, जापान में भी पेश की जा चुकी है. गुरु घासीदास की जीवनी को पंडवानी शैली में सर्वप्रथम प्रस्तुत करने का श्रेय भी उषा बारले को ही जाता है. उषा बारले को राज्य सरकार द्वारा 2016 में गुरु घासीदास सम्मान दिया गया था. उषा बारले छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन से भी जुड़ी थीं. 1999 में अलग राज्य के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. उस प्रदर्शन का नेतृत्व विद्याचरण शुक्ल कर रहे थे.
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