पंचायत प्रधान का फरमान, TMC के लिए निष्ठावान बनने की प्रतिज्ञा लेने पर ही मिलेगी राज्य में नौकरी
पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 साउथ परगना जिले में एक पंचायत प्रधान के फरमान के बाद विवाद पैदा हो गया है।
पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 साउथ परगना जिले में एक पंचायत प्रधान के फरमान के बाद विवाद पैदा हो गया है। पंचायत प्रधान की तरफ से जारी फरमान में कहा गया है कि जो लोग तृणमूल कांग्रेस के प्रति निष्ठावान रहेंगे उन्हें ही सरकारी योजना के तहत नौकरी मिलेगी। बता दें कि पंचायत प्रधान यहां सरकारी योजना के तहत मिलने वाली 100 दिनों के नौकरी की बात कर रहे थे।
भंगार के भोगाली-2 पंचायत के पंचायत प्रमुख मोद्दसीर हसन ने कहा कि जिन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ)के लिए काम किया है ,उन्हें टीएमसी के प्रति निष्ठा दिखाने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। मोद्दसीर हसन ने कहा कि 'अगर कोई भी शख्स किसी अन्य पार्टी के लिए काम कर रहे हैं तो उन्हें सत्तारुढ़ पार्टी के सामने आत्मसमर्पण कर देना चाहिए अगर वो सरकारी योजनाओं के तहत नौकरी पाना चाहते हैं तो। वो कार्यकर्ता जो हमसे सुविधा लेकर दूसरी पार्टी के लिए काम कर रहे थे उन्हें तब तक इन योजनाओं में शामिल नहीं किया जाएगा जब तक तक कि वो सरेंडर नहीं करते हैं।'
हालांकि, इस पूरे मामले पर आईएसएफ की तरफ से कहा गया है कि राजनीतिक झुकाव इस तरह के मामलों में मानदंड नहीं होना चाहिए। भंगार विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि प्रतिनिधियों को राजनीतिक मानदंडों से ऊपर उठकर सभी के लिए कार्य करना चाहिए। बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद जबरदस्त हिंसा भी हुई थी। यह हिंसा मुख्य रूप से टीएमसी और बीजेपी के बीच हुई। इस हिंसा में कम से कम 16 लोगों की जान अब तक जा चुकी है। इसके अलावा काफी संपत्ति की नुकसान हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि हिंसा के दौरान जो लोग बेघर हो गए उनके लिए पुनर्वास का इंतजाम किया जाए।