Shimla. शिमला। रेहड़ी-फड़ी पर मुंगफली बेचने से कबाड़ उठाने वाले तक करोड़ों की फर्म के मालिक हैं। जीएसटी फर्जीवाड़े में राष्ट्रव्यापी अभियान से इसका खुलासा हुआ है। फर्जीवाड़े के तार कई राज्यों तक फैले हैं। हिमाचल में जो कंपनियां बनाई गई हैं, उनके मालिक उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन ये सभी बड़े उद्योगति नहीं, बल्कि इनमें से ज्यादातर आम लोग हैं, जो मुश्किल से अपना गुजारा चला रहे हैं। इनके आधारकार्ड का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर जीएसटी में पंजीकरण किया गया है। प्रदेश में करीब 200 कंपनियां जांच के दायरे में हैं और इन कंपनियों के पंजीकरण के दौरान जो रिकार्ड सामने आए हैं, उनके आधार पर अब विभाग जमीनी स्तर की कार्रवाई में जुट गया है। कंपनी संचालकों के आधार कार्ड हिमाचल के बाहर पंजीकृत हैं। इनका इस्तेमाल कर टैक्स चोरी का जाल बुना गया है। हालांकि अब मामले खुलने के बाद केंद्र सरकार और जांच एजेंसियां मिलकर फर्जीवाड़े के सिरे ढूंढेंगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी पंजीकरण को लेकर देशव्यापी अभियान छेड़ा था। 15 अक्तूबर तक इस अभियान के दौरान देश भर में संदिग्ध पाए गए 73 हजार जीएसटी नंबरों की जांच की गई।
केंद्र सरकार ने इस जांच के दौरान हिमाचल में पंजीकृत कंपनियों के आंकड़े राज्य आबकारी विभाग के साथ साझा किए हैं। दो माह के इस अभियान में ये आंकड़े लगातार बदलते रहे हैं। सितंबर में 150 कंपनियों की लिस्ट हिमाचल भेजी गई थी और इसके बाद अब इस संख्या में नए आंकड़े भी जुड़ गए हैं। खास बात यही है कि हिमाचल में पंजीकृत कंपनियां बड़े घरानों से ताल्लुक रखने वाले उद्योगपतियों की नहीं, बल्कि आम लोगों के नाम पर रजिस्टर की गई हैं। आबकारी कराधान विभाग इस पूरे मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रहा है और आगामी दिनों में बड़ा खुलासा करने की बात कही जा रही है। देश भर में पंजीकृत ऐसी ही 18 हजार कंपनियों ने फर्जीवाड़ा कर 24 हजार 550 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी से राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा है। दिल्ली से आई रिपोर्ट के बाद हिमाचल में कंपनियों के प्रमाण की जांच की जा रही है। इससे पहले गत साल हिमाचल से 10 करोड़ 49 लाख रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। हिमाचल में आबकारी कराधान विभाग के अधिकारी केंद्र सरकार के संपर्क में हैं और लगातार दिल्ली से आ रहे अपडेट पर मंथन हो रहा है। फील्ड में तैनात अधिकारी आगामी दिनों में फर्जीबाड़े में शामिल लोगों की तलाश कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम देंगे। आबकारी कराधान विभाग के अधिकारियों की मानें, तो दोनों राज्यों के बीच जानकारी साझा की जा रही है। आगामी दिनों में कदम उठाए जाएंगे।