ऑक्सीजन से हाहाकार: कांग्रेस प्रवक्ता का दावा, संसदीय पैनल ने फरवरी में किया था अलर्ट, लेकिन...

Update: 2021-04-25 10:09 GMT

देश में कोरोना वायरस की महामारी कहर बरपा रही है. देशभर से ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर की किल्लत की खबरें आ रही हैं. मरीजों की जान सांसत में है वहीं सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते हालात के लिए केंद्र और दिल्ली, दोनों ही सरकारों पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने केंद्र और दिल्ली सरकार पर अपनी विफलता से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश का आरोप लगाया है.

अजय माकन ने संसदीय पैनल की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि फरवरी में सदन में पेश इस रिपोर्ट में पैनल ने सरकार से अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की सिफारिश की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि बढ़ते कोरोना केस के कारण ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में उत्पन्न हो रही इमरजेंसी की हालत से बचा जा सकता था. यदि सरकार ने शुरुआती चेतावनियों को गंभीरता से लिया होता.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकपार्टी के प्रवक्ता अजय माकन ने शनिवार को मीडियाकर्मियों को बताया कि दिल्ली के लिए स्वीकृत आठ ऑक्सीजन जनरेटर इकाइयों में से केजरीवाल सरकार केवल एक सेट कर सकी है. उन्होंने बजट सत्र के दौरान 2 फरवरी को संसद में पेश संसदीय पैनल की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट 'आउटब्रेक ऑफ कोविड पैनडेमिक एंड इट्स मैनेजमेंट' का जिक्र किया.
माकन ने कहा कि रिपोर्ट में सरकार को ऑक्सीजन संकट को लेकर सचेत किया गया था. हर अस्पताल में उपभोग के अनुपात में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की सिफारिश करते हुए पैनल ने राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की ओर से ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमतें कम करने के लिए उचित कदम उठाए जाने की भी जोरदार वकालत की थी.
इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता माकन ने कहा कि पैनल ने 190 पेज की रिपोर्ट में 40 बार ऑक्सीजन का उल्लेख किया है. समिति ने सरकार से अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड्स, आईसीयू, वेंटिलेटर्स की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की थी लेकिन इस शुरुआती चेतावनी को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कि आज हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह प्राकृतिक नहीं, सरकार की नाकामी के कारण है. देश के पीएम और दिल्ली के सीएम अपनी विफलता छिपाने के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.


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