विपक्ष ने दोहराई जेपीसी की मांग, कांग्रेस सांसदों का राज्यसभा से वाकआउट

Update: 2023-02-10 10:34 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्ष ने एक बार फिर अदानी मामले पर संयुक्त पार्लियामेंट्री कमिटी यानी जेपीसी जांच की मांग की। कांग्रेस सांसदों ने सभापति से यह भी मांग की कि उनके भाषण के जो अंश निकाले गए हैं उन्हें कार्रवाई में शामिल किया जाए। मांग पूरी न होने पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ और हंगामे के बाद कांग्रेस सांसदों ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट किया।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से कहा कि आपने हमारे भाषण के अंश निकाले हैं। आप मेरी सदस्यता भी खारिज कर दीजिएगा, लेकिन मैं अपने दिल की बात अवश्य कहूंगा।
शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही की शुरूआत ही हंगामेदार हुई। राज्यसभा शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने अपनी मांग उठाते हुए नारेबाजी की। मांग न माने जाने पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कई सांसद सभापति की चेयर के निकट वेल में आ गए और वहां पहुंच कर नारेबाजी की। इस पर सभापति ने कहा कि सदस्य चेयर के सामने आकर मुद्दे उठा रहे हैं, ये क्या तरीका है। राज्यसभा सभापति आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह पर भी भड़के और कहा कि आप जिस तरह का व्यवहार दिखा रहे हैं, वह अंडर स्कैनर है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने वेल में आकर नारेबाजी कर रहे विपक्ष के सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाकर बैठने की अपील की।
इसके बावजूद कांग्रेस सांसदों द्वारा लगातार नारेबाजी जारी रही। इसके बाद सभापति ने कांग्रेस सांसदों रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा, नासिर हुसैन, इमरान प्रतापगढ़ी, केतकरजी, राजीव रंजन, केटी तुलसी, केसी वेणुगोपाल, प्रदीप भट्टाचार्य, नीरज डांगी आदि को नेम किया। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों को सदन की कार्यवाही से बाहर करने के लिए नाम लेता हूं। हालांकि बाद में सभापति के कहने पर कांग्रेस सांसद अपनी-अपनी सीटों पर वापस बैठ गए।
इससे पहले राज्यसभा में सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों की ओर से जमकर नारेबाजी हुई। सदन की कार्रवाई शुरू होने पर जब विपक्षी सांसदों का भाषण शुरू होते ही सत्ता पक्ष की ओर से मोदी-मोदी के नारे लगाए गए। वहीं दूसरी ओर जब सत्ता पक्ष के सांसद व मंत्री बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष 'वी वांट जेपीसी' के नारे लगाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने सदन में सभापति से कहा कि मेरे वक्तव्य में कोई भी असंसदीय या ऐसा शब्द नहीं था जो किसी की मानहानि करता हो, बावजूद इसके मेरे संबोधन के कुछ अंश भाषण से निकाल दिए गए। खरगे ने सभापति से कहा कि हमारी नाराजगी सरकार से है, आप से नहीं। इसके बाद एक बार फिर मलिकार्जुन खरगे ने फिर से अपना वही वक्तव्य दोहराया जिसे सदन की कार्रवाई से निकाला जा चुका था।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उक्त वक्तव्य को फिर से कार्यवाही से बाहर निकालने के लिए कहा और कहा कि कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं जाएगा। इससे मलिकार्जुन खरगे समेत तमाम कांग्रेसी सांसद और अधिक नाराज हो गए और नारेबाजी करने के उपरांत उन्होंने सदन से वाकआउट किया।
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