चुनाव को महज चौदह दिन शेष, बार्डर नहीं सील

Update: 2024-05-20 12:57 GMT
गगरेट। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान को अब महज चौदह दिन शेष बचे हैं। बावजूद इसके लापरवाही का आलम यह है कि पंजाब की सीमा के साथ सटे हिमाचल प्रदेश के बार्डर अभी भी लावारिस हैं। विधानसभा क्षेत्र गगरेट के साथ सटे पंजाब के बार्डर कई स्थानों पर तो ऐसे वीरान पड़े हैं कि इन रास्तों से आप कुछ भी हिमाचल में प्रवेश करवा सकते हैं। इन्हें देखकर कह ही नहीं सकते कि हिमाचल प्रदेश में भी पहली जून को मतदान है। बावजूद इसके मतदाताओं को प्रभावित किए बिना निष्पक्ष मतदान हो इसे लेकर लगता ही नहीं किसी को सरोकार है। चुनाव आयोग की विशेष हिदायत है कि निष्पक्ष मतदान करवाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ लगी हुई राज्य की सीमाएं पूर्णतया सील होनी चाहिए। ताकि चुनाव के दौर में न तो मतदाताओं को प्रभावित करने वाली वस्तुओं की कोई खेप इन रास्तों से निकल सके और चुनाव के दौरान किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देकर अपराधी आसानी से न बच निकलें।

विधानसभा क्षेत्र गगरेट के पंजाब के साथ बार्डर पर सात प्वाइंट ऐसे हैं जहां से आसानी से प्रदेश में प्रवेश किया जा सकता है। बावजूद इसके अभी तक दो प्वाइंट पर ही पुलिस का पहरा बैठा है। अभी भी पंजाब को जाने वाले सडक़ मार्ग पांवड़ा-थप्पलां मार्ग, नंगल जरियालां, ढोलवा रोड, सलोह बैरी मार्ग अभी भी पुलिस की निगरानी में नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या प्रशासन इतना कमजोर हो गया है कि चुनाव आयोग की सख्त हिदायत के बावजूद बार्डर सील नहीं कर पा रहा है। जाहिर है कि जिन्होंने चुनाव प्रभावित करना है वे ये इंतजार नहीं करेंगे कि कब पंजाब के साथ सटे बार्डर सील हों और तब वे ऐसा सामान लेकर आएं जिन्हें पुलिस पकड़ सके। हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा क्षेत्र गगरेट के लिए तैनात की गई व्यय पर्यवेक्षक ने भी बार्डर सील न होने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद भी प्रशासनिक स्तर पर पत्राचार के माध्यम से इन बार्डर प्वाइंट्स को सील करने के लिए उच्चाधिकारियों को कहा गया। बावजूद इसके अभी तक इन सडक़ मार्गों पर पुलिस का पहरा नहीं बिठाया जा सका है। उधर निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम सौमिल गौतम का कहना है कि इस संबंध में पहले ही उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है। पुलिस को भी लिखा गया है।
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