बीकानेर। बीकानेर रक्षाबंधन के दिन रोडवेज की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। इसकी खास वजह यह है कि रोडवेज के बेड़े में शामिल कुल 97 बसों में से 35 बसें कंडम होने के कगार पर है। बीकानेर आगार को पिछले दो साल से एक भी नई बस नहीं मिली है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन महिलाओं और बच्चियों को मजबूरी में इन्हीं खटारा बसों में सफर करना होगा। हालांकि रोडवेज प्रशासन का दावा है कि उनके पास जिन बसों की शिकायतें मिली थी, उनकी रिपेयरिंग करवा दी है। लेकिन हकीकत यह है कि कंडम होने के कगार पर पहुंच चुकी रोडवेज की बसों में क्षतिग्रस्त सीटें, टूटे कांच, आवाज करती खिड़कियां और बदहाल साफ-सफाई को लेकर यात्रियों की शिकायतें घटने की बजाय लगातार बढ़ रही है। सफर के दौरान कंडक्टर और यात्रियों के बीच कहासुनी की एक वजह खटारा बसों को भी माना जाता है।
बीकानेर आगार में कुल 97 बसों में 38 बसें अनुबंधित है। बीकानेर आगार से संचालित इन अनुबंधित बसों में 6 स्लीपर, 9 स्टार लाइन तथा शेष ब्लू स्टार शामिल है। रोडवेज की 59 बसें हैं, जिनमें 35 बसें 8 साल की अवधि या 8 लाख किलोमीटर का सफर तय करने वाली हैं। नियमानुसार इस प्रकार की बसों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। लेकिन रोडवेज के बेड़े में नई बसों की खरीद नहीं होने के कारण पुरानी और कंडम होने के कगार पर पहुंच चुकी बसों का संचालन मजबूरी में करना पड़ रहा है। बीकानेर आगार के अधिकारी पिछले दो साल से लगातार नई बसों की डिमांड कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नई बसें उपलब्ध नहीं करवाई जा रही।
सरकार रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा के दायरे को लगातार बढ़ा रही है। लेकिन नई बसों की खरीद नहीं कर रही। ऐसे में खटारा बसों के कारण सरकार की छवि सुधरने की बजाय बिगड़ रही है। बीकानेर में 35 और प्रदेश में करीब 1500 बसें कंडम होने के कगार पर है। इसके बावजूद नई बसों की बजाय पुरानी बसों से ही काम चलाया जा रहा है। यात्रियों के लिए सफर करना मुश्किल हो रहा है। -गिरधारी लाल, रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन, बीकानेर यह सही है कि रोडवेज बेड़े में शामिल बसें पुरानी हो चुकी है। जिन बसों में यात्री सीटों के पुरानी, क्षतिग्रस्त या कांच टूटे होने की शिकायत करते हैं, उन्हें ठीक करवा दिया जाता है। पिछले दिनों कुछ बसों की मरम्मत भी करवाई थी। नई बसों की डिमांड मुख्यालय को भेज रखी है, बसों की उपलब्धता होने पर यात्रियों का सफर आसान होगा।