देश में एक ऐसा भी गांव: यहां सरकार ने नहीं जनता ने खुद ही लगा दिया लॉकडाउन, कोरोना से बचने अपना रहे कड़े नियम
देश में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने की चर्चा शुरू हो गई है. महाराष्ट्र में तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लॉकडाउन लगाने के संकेत दे दिए हैं. कई राज्यों में भी कुछ इलाकों में या शहरों में सरकार लॉकडाउन लगा चुकी है. लेकिन हमारे देश में एक ऐसा गांव भी है, जहां सरकार ने लॉकडाउन नहीं लगाया, बल्कि लोगों ने खुद से ही लॉकडाउन लगा लिया. ये बताता है कि एक तरफ शहरों में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद भी लोग लापरवाह हैं, वहीं गांवों में लोग इससे बचने के लिए कितने कड़े नियम अपना रहे हैं.
दरअसल, देश के दक्षिणी राज्यों में से एक तेलंगाना में एक गांव है सिरपुर. ये गांव जगतियाल जिले में पड़ता है. इस गांव में जब कोरोना के मामले बढ़ने लगे, तो यहां के लोगों ने अपनी मर्जी से ही लॉकडाउन लगा लिया. सिरपुर गांव की ग्राम पंचायत ने 15 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया था. वो इसलिए क्योंकि उस दिन यहां एक दिन में 27 कोरोना मरीज मिले थे. लिहाजा बाकी लोगों में कोरोना न फैले, इसलिए लॉकडाउन लगा दिया गया. अच्छी बात ये रही है कि ग्राम पंचायत के इस फैसले को गावंवालों का समर्थन भी मिला.
लॉकडाउन के दौरान यहां बेवजह घूमने-फिरने पर पाबंदी लगा दी गई. लोग घरों में ही रह रहे हैं. हालांकि, राशन की दुकानें और जरूरी सेवाएं चालू हैं, लेकिन उनका भी एक समय तय किया गया है. जरूरी सेवाएं सुबह 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक चालू रहती हैं और राशन की दुकानें शाम को 5 बजे से रात 9 बजे तक ही खुलती हैं. ऐसा इसलिए किया गया ताकि लोग तय वक्त में ही अपने घर से निकलें, सामान खरीदें और घर चले जाएं. इतना ही नहीं, इस गांव में कोरोना के सारे प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखा जा रहा है. यहां बगैर मास्क के घूमने वाले लोगों से एक हजार रुपए का फाइन लिया जा रहा है.
तेलंगाना में अब तक 3 लाख से ज्यादा मामले
तेलंगाना में शनिवार को बीते 24 घंटे में कोरोना के 1,321 नए मामले सामने आए. 5 लोगों की मौत हुई. राज्य में कोरोना के अब तक 3,12,140 मामले सामने आ चुके हैं. जबकि 1,717 लोगों की मौत हो चुकी है.