पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को बीजेपी को बड़ा झटका लगा. मुकुल रॉय बीजेपी छोड़कर एक बार फिर से ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए. लेकिन बात यहीं नहीं रुकी, कहा जा रहा है कि कई और बीजेपी नेता भी फिर से टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. इस बात को और बल तब मिला जब बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की बुलाई बैठक में पार्टी के सांसद शांतनु ठाकुर और तीन अन्य विधायक नहीं पहुंचे.
दरअसल, बीजेपी सांसद शांतनु ठाकुर और तीन अन्य विधायक शुक्रवार को बंगाल बीजेपी अध्यक्ष की जिला संगठनात्मक बैठक से दूर रहे, जिससे बीजेपी में दलबदल की संभावना की अटकलें तेज और हो गईं. ये घटनाक्रम उस दिन हुआ, जब पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने टीएमसी में वापसी की.
बता दें कि प्रभावशाली मतुआ समुदाय के एक प्रमुख सदस्य सांसद शांतनु ठाकुर विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में सीएए कानून को लागू करने को लेकर बीजेपी के रुख से असंतुष्ट हैं. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष की बुलाई बैठक में शामिल नहीं होने वाले पार्टी के तीन विधायक बिस्वजीत दास (बगड़ा), अशोक कीर्तनिया (बोनगांव उत्तर) और सुब्रत ठाकुर (गायघाटा) हैं.
इस मसले पर सवाल पूछे जाने पर, दिलीप घोष ने कहा कि यह बैठक ज्यादातर पार्टी के मंडल अध्यक्षों और जिला कार्यकर्ताओं के को लेकर थी. उन्होंने कहा कि हमने सभी को आमंत्रित किया था, सांसदों को भी आमंत्रित किया गया था. लेकिन मुझे बताया गया है कि वह दिल्ली गए हैं.
गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में, टीएमसी के नेता राजीव बनर्जी, जो चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे, वह भी कोलकाता में दिलीप घोष द्वारा बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब पाला बदल शुरू हो चुका है. बीते दिन बीरभूम और बर्दवान जिले से कई बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी में शामिल हो गए. बीरभूम में तो बाकायदा लाउडस्पीकर पर अनाउंस करते हुए बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी छोड़ दी.