रेमडेसिविर से जुड़े आरोपों पर डिस्ट्रक्ट ड्रग कंट्रोलर ने कहा- DCGI ने एक्सपायरी डेट 12 महीने तक बढ़ाने की दी थी मंजूरी
विशाखापट्टनम के नर्सिपट्नम के एरिया अस्पताल में एक मरीज को मार्च 2021 में एक्सपायर हुए,
विशाखापट्टनम के नर्सिपट्नम के एरिया अस्पताल में एक मरीज को मार्च 2021 में एक्सपायर हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) लगाने की बात को डिस्ट्रक्ट ड्रग कंट्रोलर ने सिरे से खारिज कर दिया है और बताया है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने दवा निर्माताओं को शेल्फ लाइफ और एक्सपायरी डेट 12 महीने तक बढ़ाने की मंजूरी दी थी.
डिस्ट्रिक्ट ड्रग कंट्रोलर के एसिसेटेंट डायरेक्टर के रजिता ने कहा रेमडेसिविर नई दवा है और DCGI ने शुरुआत में निर्माताओं को इसकी शेल्फ लाइफ और एक्सपायरी डेट 6 महीने तक फिक्स करने के निर्देश दिए थे. ये निर्देश निर्माताओं की तरफ से पेश किए गए स्टेबिलिटी स्टडी के आधार पर दिए गए थे. बाद में DCGI ने निर्माताओं को सकी शेल्फ लाइफ और एक्सपायरी डेट 12 महीने तक बढ़ाने के निर्देश दिए.
इससे पहले बुधवार को विशाखापट्टनम में कोरोना मरीज के परिवार ने एक सरकारी अस्पताल में ये आरोप लगाते हुए हंगामा मचा दिया था कि एक्सपायर हुए रेमडेसिवीर इंजेक्शनों पर नए डेट के स्टीकर चिपकाए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कोरोना महामारी के बीच कई ऐसे मामले सामने आए जहां लोग रेमेडेसिविर, ऑक्सीजन जैसे जरूरी सामानों को मनमाने दामों में बेच रहे थे. कर्नाटक में एक ऐसा ही मामला सामने आया था. दरअसल कर्नाटक पुलिस ने बेंगलुरु से रेमडेसिविर इंजेक्शन को 10,000 रुपये प्रति शीशी की अत्यधिक कीमत पर बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने इन लोगों के पास से रेमेडेसिविर की 25 शीशियां बरामद की था. मामले पर बात करते हुए बेंगलुरु (पश्चिम) के डीसीपी ने कहा, "तीन लोगों को कल बेंगलुरु में 10,000 रुपये प्रति शीशी में रेमडेसिविर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, उन्होंने इन शीशियों को केरल से कम कीमत पर खरीदा था और यहां जरूरतमंदों को मनमाने दाम पर बेच रहा था. उन्होंने बताया कि फिलहाल उनके कब्जे से पच्चीस शीशियां जब्त की गई है और मामले की जांच जारी है."