71 देशों में फैला ओमीक्रॉन वेरिएंट, भारत में अब तक 43 लोग मिले संक्रमित

Update: 2021-12-14 13:27 GMT

कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) दुनिया के 71 देशों में सामने आ चुका है. अभी तक इस वेरिएंट से दुनियाभर में 8500 से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. ओमीक्रॉन से संक्रमित होने वाले लोगों की सबसे अधिक संख्या ब्रिटेन में हैं, जहां पर 3100 लोगों को इस वेरिएंट ने अपना शिकार बनाया है. वहीं, यूरोपीय देश डेनमार्क में 2400 से अधिक और नॉर्वे में 900 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीका में 770 लोग ओमीक्रॉन की चपेट में आए हैं, यहां पर पॉजिटिविटी रेट 28 फीसदी है.

हालांकि, शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि दक्षिण अफ्रीका में केस कम हो रहे हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि दुनियाभर में बूस्टर डोज लगने के बाद भी लोग ओमीक्रॉन वेरिएंट की चपेट में आ रहे हैं. इजरायल, अमेरिका जैसे मुल्कों में लोगों को बूस्टर डोज लगाने का सिलसिला जारी है. लेकिन इन सबके बाद भी लोग ओमीक्रॉन वेरिएंट की चपेट में आए हैं. शुरुआती डाटा के मुताबिक, ओमीक्रॉन ज्यादा तेजी से फैलने वाला और कम विषैला नजर आ रहा है. इसके पीछे का विज्ञान ये है कि वायरस तभी फैलेगा जब उसका होस्ट जिंदा रहेगा. करीब महीने भर में ओमीक्रॉन का ग्लोबल डेटा ये दिखा रहा है कि 8 हजार मामलों में 1 की मौत हुई. ये इस बात की ओर इशारा करता है कि वायरस से ज्यादा मौत नहीं होगी. वहीं, भारत में अभी तक ओमीक्रॉन वेरिएंट के 43 मामले रिपोर्ट किए गए हैं. दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है कि ओमीक्रॉन से संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन लेवल घटता नहीं है. सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता भी गायब नहीं होती है. इसके अलावा, संक्रमित मरीजों में देर तक तेज बुखार भी नहीं होता है. हालांकि, मरीजों में बहुत ज्यादा थकावट और सूखी खांसी देखने को मिली है.

बता दें कि ओमीक्रॉन में दो नए म्यूटेशन पाए गए हैं, जिसकी वजह से दो सब लीनियेज बन गई है. मुख्य ओमीक्रॉन वेरिएंट के अलावा, ये हैं म्यूटेंट 1 और म्यूटेंट 2. फिलहाल एक्सपर्ट और स्वास्थ्य अधिकारी इस बात नजर बनाए हुए हैं कि दोनों सब लीनियेज कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. इसके अलावा, बूस्टर डोज लगने के बाद भी संक्रमण बढ़ना इस बात की ओर इशारा करता है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट को रोकने के लिए अभी कोरोना के सामान्य नियमों जैसे हाथ धोना, मास्क लगान और दो गज दूरी बनाना बेहद जरूरी है.

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