Shimla. शिमला। प्रदेश के लाखों राशन कार्डधारक डिपो में सरसों का तेल मिलने का इंतजार कर रहे हैं। दो महीने से सरकार डिपुओं में सरसों के तेल का इंतजाम नहीं कर पाई है। अब उम्मीद है कि नए साल में यानि जनवरी में सरसों का तेल मिल जाएगा और इसका बैकलॉग भी खत्म हो जाएगा। इसकी उम्मीद है, लेकिन अभी तक टेंडर फाइनल नहीं हो पाए हैं। दूसरी तरफ लगातार बढ़ रही महंगाई से साल के अंत में भी लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में राहत नहीं मिली है। दिसंबर महीना बीतने जा रहा है, लेकिन डिपुओं में आधा सामान अभी भी गायब है। डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल पा रही है। वहीं दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही है, जिससे लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर दाल और तेल खरीदने को मजबूर हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को अब सरसों का तेल और दाल के कोटे के लिए नए साल में जनवरी महीने का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि इस महीने में इसकी खेप नहीं आई है।
प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है। प्रदेश में कुल राशन कार्डधारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब नए साल के जनवरी महीने के सरसों तेल सहित दो महीने का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को एक करोड़ लीटर से अधिक सरसों के तेल की जरूरत होगी। महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है। सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है, जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है। वहीं हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40 हजार 510 क्विंटल मलका और 79 हजार 160 क्विंटल चना दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है, लेकिन अधिकतर डिपुओं में अभी दालें नहीं पहुंची हैं। अधिकारियों का कहना है कि तेल के लिए टेंडर किए जा रहे हैं और जल्द ही तेल की खेप आ जाएगी।