BSF के आईजी, डीआईजी सहित अफसर रहेंगे पांच दिन तक बॉर्डर पर तैनात, नहीं होने देंगे कोई चूक

पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमा की चौकसी में कोई चूक न हो

Update: 2021-03-01 14:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती सीमा की चौकसी में कोई चूक न हो और जवानों की तकलीफों का समय रहते पता चलता रहे, इसके लिए आईजी, डीआईजी व दूसरे रैंक के अफसरों को एक माह में पांच दिन तक बॉर्डर पर रहना होगा। खास बात है कि ये अफसर बॉर्डर के निकटवर्ती किसी होटल या गेस्ट हाउस में नहीं ठहरेंगे, बल्कि वे सीमा पर जवानों के साथ ही रहेंगे।केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस खास मुहिम के तहत अब मुख्यालय में कार्यरत कमांडेंट और टू-आईसी रैंक के अधिकारी, जो मिनिस्ट्रियल, संचार और दूसरी शाखाओं में ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें भी हर माह पांच दिन तक बॉर्डर पर जवानों के बीच रहना होगा।

मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ द्वारा बॉर्डर की चौकसी बेहतर तरीके से की जा रही है। सीमा सुरक्षा बल के जवान बॉर्डर पर किसी भी तरह की चुनौती का डट कर मुकाबला करते हैं। पाकिस्तान की तरफ से युद्ध विराम नीति का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। साल 2018 में पाकिस्तान ने तीन हजार से अधिक बार सीजफायर नीति का उल्लंघन किया था। इसके बाद 2019 में भी पाकिस्तान अपनी इस आदत से बाज नहीं आया। युद्ध विराम नीति उल्लंघन के मामले 3233 तक जा पहुंचे।

साल 2020 में पाकिस्तान ने 4100 बार सीजफायर नीति का उल्लंघन किया था। पाकिस्तान की तरफ से जब भी फायरिंग की जाती है, बीएसएफ के जवान उसका मुंहतोड़ जवाब देते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बॉर्डर पर आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। कई जगहों पर हाई रेंज वाले तकनीकी उपकरण लगाए जा रहे हैं।आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पर नजर बनी रहे और जवानों की तकलीफों का समाधान समय रहते हो जाए, इसके लिए बीएसएफ के आईजी, डीआईजी, कमांडेंट और टू-आईसी आदि रैंक पर तैनात अफसरों को पांच दिन तक बॉर्डर पर भेजा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कुछ समय पहले फोर नाइट हाल्ट का नियम बनाया गया था।
हालांकि बॉर्डर पर जाने वाले अधिकारियों में अभी तक मुख्यालय के अफसरों को नहीं भेजने की बात कही जा रही थी। अब इन अधिकारियों को भी पांच दिन तक बॉर्डर पर भेजा जाएगा। ये अफसर जवानों के बीच रह कर उनकी दिक्कतों के बारे में जानेंगे और अविलंब उनका हल करने का प्रयास करेंगे।


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