Odisha: सरकारी अधिकारी की पहल, इंटरनेट कनेक्टिविटी से परेशान छात्रों के लिए TV पर प्रसारित होंगी ऑनलाइन क्लासेस

इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करने वाले और स्मार्टफोन नहीं रखने वाले छात्रों के लिए ओडिशा के एक सरकारी अधिकारी ने अच्छी पहल की.

Update: 2021-07-08 09:14 GMT

इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करने वाले और स्मार्टफोन नहीं रखने वाले छात्रों के लिए ओडिशा के एक सरकारी अधिकारी ने अच्छी पहल की. राज्य के गंजम जिले में एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने स्थानीय केबल नेटवर्क के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं का प्रसारण करने का फैसला किया. छत्रपुर के बीईओ अभिनाश सतपथी ने बताया कि यूट्यूब कक्षाओं पर बनाए गए वीडियो को केबल ऑपरेटरों द्वारा एन्कोड किया जाएगा और एक निर्धारित समय के दौरान टेलीविजन पर प्रसारित किया जाएगा.

बीईओ अभिनाश सतपथी ने बताया कि यह अधिकतम संख्या में छात्रों के लिए मददगार होगा क्योंकि लगभग हर घर में केबल कनेक्शन वाला टीवी है. उन्होंने बताया कि स्थानीय केबल ऑपरेटरों और तीन ब्लॉकों छतरपुर, खलीकोट और गंजम में सरपंचों के साथ संबंधित ब्लॉक विकास अधिकारियों के माध्यम से चर्चा की है. अगले तीन से चार दिनों में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
अभिनाश सतपथी ने बताया कि उन्होंने केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से कक्षाएं संचालित करने के बारे में भी सरकार को प्रस्ताव दिया है, ताकि अधिक से अधिक छात्र पढ़ सकें. माता-पिता से बात करने और छात्रों की सुविधा के आधार पर उनके लिए समय रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि हर चीक को कई बार प्रसारित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे कक्षाओं से न चूकें. सूत्रों ने बताया कि इससे पहले जिले के धाराकोट प्रखंड के मुंडामारी प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सूर्य नारायण साहू ने कम से कम सात पंचायतों में यह तरीका अपनाया था.
इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या
कोरोना वायरस के कारण लंबे समय से स्कूल की क्लास ऑनलाइन हो रही हैं. इस दौरान बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्टूडेंट घर पर रहकर मोबाइल, लैपटॉप या डेस्कटॉप से ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं. ऐसे में जिन लोगों के घर पर इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई बच्चे ऐसे हैं जिनकी इंटरनेट न होने के कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है. ऐसे भी छात्र हैं जो नेटवर्क की तलाश में रोजाना घर से दूर जाकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
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