ओडिशा सरकार ने 1 अगस्त से कोविड -19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ धार्मिक संस्थानों को फिर से खोलने की दे दी अनुमति

कोरोना महामारी के कारण देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था. वहीं अब देश में मामलों की कम संख्या देख कर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन बुधवार को पुरी में 12वीं सदी के मंदिर को फिर से खोलने पर फैसला करेगा

Update: 2021-08-04 04:19 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना महामारी के कारण देश के सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था. वहीं अब देश में मामलों की कम संख्या देख कर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (The Shree Jagannath Temple Administration) बुधवार को पुरी में 12वीं सदी के मंदिर को फिर से खोलने पर फैसला करेगा. एसजेटीए आज एक बैठक करेगा जहां इस बारे में फैसला लिए जाने की उम्मीद है. दरअसल राज्य में कोरोना के कम केसेज को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 1 अगस्त से कोविड -19 प्रोटोकॉल के पालन के साथ धार्मिक संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है.

वहीं 12वीं सदी के मंदिर को खोलने के विषय पर बातचीत करने के संबंध में SJTA के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में पुरी के मजिस्ट्रेट-सह-कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और मंदिर समन्वय समिति के सदस्य शामिल होंगे. मीटिंग के दौरान तमाम अधिकारी राज्य में कोविड की स्थिति का जायजा लेंगे और तय करेंगे कि जगन्नाथ मंदिर को भक्तों के लिए कब खोला जाए.
राज्य सरकार ने मंदिर खोलने की दी अनुमति
राज्य सरकार द्वारा अगस्त में जारी अनलॉक के दिशानिर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एसजेटीए, पुरी और श्री लिंगराज मंदिर प्रशासन, भुवनेश्वर संबंधित हितधारकों के परामर्श और कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सार्वजनिक दर्शन के लिए अपने प्रबंधन के तहत मंदिरों को फिर से खोलने का निर्णय लिया जा सकता है. हालांकि दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि दर्शन करने आने वाले भक्तों द्वारा कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाएगा.
अप्रैल से मंदिर में तीर्थयात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
दरअसल कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखते हुए SJTA ने अप्रैल में मंदिर में तीर्थयात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था, जब कोरोनोवायरस बीमारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी. इस बीच मंदिर के अंदर होने वाले सभी दैनिक अनुष्ठान सेवकों और मंदिर के अन्य कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे हैं.


Tags:    

Similar News

-->