'अब दोनों का डीएनए टेस्ट होगा'...केस सुलझाने में पुलिस का भी चकराया सिर, जानें पूरा मामला

असली पिता कौन?

Update: 2024-08-29 11:09 GMT

सांकेतिक तस्वीर

मझिआंव: यह मेरा बेटा है, नहीं-नहीं यह मेरा बेटा है... झारखंड से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, एक लड़के को दो-दो लोग अपना बेटा बताने लगे। पुलिस भी इस गुत्थी को सुलझाते-सुलझाते सकते में आ गई। अब डीएनए जांच कर के यह पता लगाया जाएगा कि लड़के का असली पिता कौन है। यह गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र की घटना है।
मालूम हो कि गढ़वा थाना के ढोटी गांव निवासी इस्लाम अंसारी ने मझिआंव थाना में लिखित आवेदन दिया है। आवेदन में अपने पुत्र नबी अंसारी के बारे में बताया है कि उसका पुत्र नबी 2001 में गांव के ही शंभू विश्वकर्मा, सुनील विश्वकर्मा, हिदायत अंसारी और सत्यनारायण के साथ मजदूरी करने मुंबई गया था। कुछ दिन बीतने के बाद उसके साथ गए सभी मजदूर साथी वापस लौट गए लेकिन उसका बेटा नहीं लौटा।
काफी इंतजार के बाद उसके साथ गए युवकों से भी पूछताछ की पर जानकारी नहीं मिली। उसके वापस नहीं लौटने पर परिवार के लोग निराश थे। उसके बाद भी खोजबीन जारी रखा। 23 साल तक परिवार के लोग उसका इंतजार करते रहे। उसी बीच पिछले 11 अगस्त 2024 को सोशल मीडिया से इस्लाम को अपने कथित पुत्र नबी के बारे जानकारी मिली।
उक्त आलोक में उसे पता चला कि नबी मझिआंव थाना के सेमरहत गांव निवासी सत्तार अंसारी के घर पर है। वह वहां पहुंच उसे देखकर अपना पुत्र बताया। उधर सेमरहत गांव निवासी सत्तार ने भी नबी को अपना बेटा होने का दावा किया है। बुधवार को लापता नबी के पिता इस्लाम अंसारी ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जनता दरबार में भी आवेदन देकर बेटे की वापसी की गुहार लगाई। उक्त बाबत उसने एसपी को भी आवेदन दिया है।
आवेदन के आलोक में मंत्री ने पहल कर एसपी को जांच करने का निर्देश दिया। उसके बाद डीएसपी ने मझिआंव थाना के सेमरहत गांव से बुलाकर नबी अंसारी से पूछताछ की। उसी दौरान पुत्र होने का दावा करने वाले पिता इस्लाम और उसकी मां को भी बुलाया गया। उन्होंने कहा कि नबी उनका ही पुत्र है। थाना प्रभारी आकाश कुमार ने बताया कि अब दोनों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। जांच में ही पता चलेगा कि नबी वास्तव में किसका पुत्र है।
Tags:    

Similar News

-->