नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार से इनकार किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो घटना हमारे सामने आई है, निश्चित तौर पर उसमें दोषियों को दंड दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नीट में 24 लाख छात्र शामिल हुए थे। अभी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो मसला चल रहा है, सरकार ने उसमें अपना पक्ष रखा है। लेकिन, यह मामला सिर्फ 1,550 छात्रों का है। उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी देश में कई सफल परीक्षाएं आयोजित करवाती है।
धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने नीट से जुड़े मसले पर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि कुछ ग्रेटर प्रश्न उठाए गए हैं। सरकार उन प्रश्नों का संतुष्टि के साथ उत्तर देने के लिए प्रामाणिकता के साथ खड़ी है। कुछ खास घटनाएं जो सामने आई है, सरकार ने उसे गंभीरता से लिया है। इस मामले में शिक्षाविदों की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने कुछ सिफारिश भी दी है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक इन सिफारिश के आधार पर कोर्ट के समक्ष भी तथ्यों को रखा जाएगा।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से ही एनटीए का गठन हुआ है। एनटीए आज तीन बड़े एग्जाम सफलतापूर्वक करवाती है। इनमें नीट, जेईई और सीयूईटी शामिल हैं। इतने बड़े देश में जब 13 भाषाओं में परीक्षा होगी, विश्व के कई देशों में परीक्षा केंद्र होंगे। कई प्रकार के स्टूडेंट उसमें हिस्सा लेते हैं, जो घटना हमारे सामने आई है, निश्चित तौर पर दोषियों को उसमें दंड दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं अभिभावकों और छात्रों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारत सरकार और उसका इंस्ट्रूमेंट, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बिल्कुल कमिटेड है।
विपक्ष ने नीट में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि मामला संसद में उठाया जाएगा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि नीट का पेपर लीक हुआ है। मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए। यदि सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है तो सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में पूरे मामले की जांच हो।