पटना: पटना के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से राज्यसभा में जाने की तमन्ना जताई है, उसके बाद से बिहार की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है. उधर, बिहार सरकार में जेडीयू की सहयोगी बीजेपी भी नीतीश कुमार को राज्यसभा भेजने का समर्थन कर रही है.
बिहार बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और विधायक हरि भूषण ठाकुर ने यहां तक कह दिया कि अगर नीतीश कुमार राज्य सभा में जाना चाहते हैं तो बीजेपी उनकी इच्छा को पूरा करेगी और ऐसा होने की स्थिति में फिर बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार में कानून व्यवस्था और शराबबंदी के मुद्दे को लेकर जिस तरीके से लगातार नीतीश कुमार का ग्राफ गिरता जा रहा है, उसके बाद से बीजेपी इस मौके का फायदा उठाकर नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भेजकर बिहार में अपना सीएम बनाने की जुगत में लग गई है.
जानकारी के मुताबिक, अगर नीतीश कुमार बिहार की राजनीति को छोड़कर दिल्ली आते हैं तो ऐसे हालात में बिहार में बीजेपी अपना मुख्यमंत्री बनाएगी, क्योंकि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी 74 विधायकों के साथ सबसे बड़ी एनडीए में घटक दल थी और पिछले दिनों वीआईपी पार्टी के 3 विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद अब पार्टी की विधानसभा में संख्या 77 हो गई है.
बीजेपी, यानी कि, 2020 विधानसभा चुनाव के बाद और ज्यादा मजबूत हो गई है और लगातार बीजेपी नेताओं के तरफ से भी इस तरीके के बयान आते रहते हैं कि अब बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री होना चाहिए.
सूत्र बताते हैं कि अगर नीतीश कुमार राज्यसभा में जाते हैं तो इस स्थिति में बीजेपी बिहार में अपना मुख्यमंत्री देगी जबकि जदयू के दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं. बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी कोई दलित या ओबीसी चेहरे को भी तलाश कर रही है और इस बात की भी पूरी संभावना है कि इन्हीं दोनों जातियों में से बीजेपी का कोई मुख्यमंत्री हो सकता है.
केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी ओबीसी चेहरा हैं और बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम की भी चर्चा है. जहां तक जनता दल यूनाइटेड के दो को डिप्टी सीएम बनाए जाने का सवाल है तो मौजूदा जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर सांसद ललन सिंह, बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और मंत्री श्रवण कुमार में से किसी दो को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है.