नीतीश बिहार में अप्रासंगिक, लालू का 'जंगलराज' नहीं भूले लोग: विजय सिन्हा
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा के विधानमंडल का नेता प्रतिपक्ष बने एक साल पूरे हो गए। इस दौरान उनका दावा है कि भाजपा ने विपक्ष की भूमिका में बेहतर काम किया है और कई कार्यों के लिए सरकार पर दबाव बनाकर उसे झुकने को मजबूर किया। सिन्हा के बतौर नेता प्रतिपक्ष बने एक साल पूरे होने पर आईएएनएस ने उनसे विशेष बातचीत की।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए अपनी बेबाकी के लिए जाने वाले नेता सिन्हा ने 2025 तक की बिहार की राजनीति के संबंध में पूछने पर कहा कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति के लिए अप्रासंगिक हो गए हैं और लालू प्रसाद के 'जंगलराज' को आज भी लोग नहीं भूले हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आज जो महागठबंधन की सरकार चल रही है उसे जनादेश नहीं मिला था। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने की चाहत में एनडीए छोड़कर गए हैं।
सिन्हा कहते हैं कि राजद के सत्ता में आते ही अपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं। रोजगार देने के महागठबंधन के वादे के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हकीकत है कि जो भी नियुक्ति पत्र अब तक इस सरकार में बांटे गए हैं, वे एनडीए की सरकार के थे। यहां तक कि सरकार ने उन लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जो पहले से ड्यूटी कर रहे थे।
बीपीएससी द्वारा 1.70 लाख शिक्षक पदों के लिए शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के विषय में उन्होंने कहा कि परिणाम तो जारी होने दीजिए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जहां अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना है वहीं नीतीश को प्रधानमंत्री बनना है, जनता इनकी प्राथमिकता में है ही नहीं। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आईएनडीआईए यानि इंडिया) के विषय में जब आईएएनएस ने सिन्हा से पूछा तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिहार में इस गठबंधन के बनने के बाद जीतन राम मांझी की पार्टी बाहर हो गई है। बिहार में आज जो महागठबंधन है वही आईएनडीआईए का स्वरूप है। इसी स्वरूप में बिहार में उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा अकेले उतरी और अधिकांश परिणाम भाजपा के पक्ष में आए।
उन्होंने कहा, देखिए, नीतीश बिहार में अप्रासंगिक हो गए हैं जबकि लालू प्रसाद के दौर वाले जंगलराज को नहीं भूले हैं लोग। दरअसल, यूपीए केवल नाम बदलकर मतदाताओं को झांसा देने की कवायद कर रही है। भाजपा की बतौर विपक्ष सफलता के विषय में पूछे जाने पर कहा कि जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर जिस नीतीश कुमार ने 'जो पिएगा सो मरेगा' की बात करते थे, उनकी सरकार अब मृतकों के परिजनों को मुआवजा दे रही है। नियोजित शिक्षकों के राज्यकर्मी के दर्जा की मांग को लेकर सरकार को बात करनी पड़ रही है। यह भाजपा के दबाव का ही नतीजा है।
उन्होंने कहा देखिए आज सरकार हर मामले को लेकर 'बैकफुट' पर है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में सप्ताह में दो दिन अध्यक्ष सम्राट चौधरी और मैं खुद सहयोग कार्यक्रम में हाजिर होते हैं, जहां जनता की समस्या सुनी जाती है और उसके समाधान का प्रयास किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कोशिश अपराधियों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को आंसू पोंछने की है। इसलिए किसी भी ऐसे मामलों में भाजपा के नेता उस परिवार के पास पहुंचने की कोशिश करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है। पुलिस पर भी लगातार हमले हो रहे हैं, पुलिस और पत्रकार की हत्या हो रही है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को उनके परिजनों के पास जाने की फुरसत नहीं।
भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी से रिश्ते को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा एकजुट है, किसी भी स्तर पर कोई विवाद नहीं है।
आने वाले दिनों की चुनौतियों के संबंध में सिन्हा बेबाकी से कहते हैं कि बिहार में भाजपा के सामने कोई चुनौती नहीं है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि हमारे सामने लोकसभा चुनाव है, उसके बाद 2025 में विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव में भाजपा 40 सीट पर और विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है।
उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रिपोर्ट कार्ड को जनता के सामने लेकर जायेंगे। जनता हमें आशीर्वाद जरूर देगी।