गृह मंत्रालय का फैसला: जम्मू ड्रोन अटैक केस की जांच करेगी NIA, सौंपी गई फाइल

Update: 2021-06-29 03:54 GMT

गृह मंत्रालय ने जम्मू वायु सेना स्टेशन हमले का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा.

जम्मू कश्मीर में एक बार फिर संदिग्ध ड्रोन देखा गया है. बीती रात सुंजवान मिलिट्री ब्रिगेड में रात 3.00 से 3.30 के बीच इस ड्रोन को देखा गया है. बीते 24 घंटे में जम्मू कश्मीर में मिलिट्री स्टेशन के आसपास ड्रोन देखे जाने की यह दूसरी घटना है. इससे पहले सोमवार को कालूचक मिलट्री स्टेशन पर भी ड्रोन नजर आए थे. इन ड्रोन पर सुरक्षाबलों ने फायरिंग की थी, जिसके बाद यह अंधेरे में वापस लौट गए.


जानकारी के मुताबिक सुंजवान मिलिट्री ब्रिगेड पर दिखे ड्रोन काफी ऊंचाई पर उड़ रहा था. एक सफेद रंग की रोशनी नजर आ रही थी, जो लगातार आगे बढ़ रही थी. सेना की ओर से इस पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है. वहीं सूत्रों के मुताबिक इस पर कोई फायरिंग नहीं की गयी. 1- से 15 मिनट तक ब्रिगेड का चक्कर लगाने के बाद यह ड्रोन वापस चला गया.
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से लगातार कई सालों से सीमा पार से हथियार और नशे की सप्लाई के लिए ड्रोन का इस्ते माल किया जाता रहा है. इस वक्त पाकिस्तान जानता है कि एलओसी पर भारतीय सेना ने बेहद मुस्तैदी से तैनाती की हुई है. पूरी एलओसी की मजबूत तारबंदी की गयी है, इसके साथ ही चप्पे चप्पे पर सैनिक और अधिकारी भी मौजूद हैं.
गृह मंत्रालय ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंप दी है. एनआईए ने जांच शुरू भी कर दी है और जम्मू कश्मीर पुलिस से इस केस में अभी तक हुई जांच के सभी दस्तावेज तलब किए हैं. एनआईए बहुत जल्द मामला दर्ज कर जांच को आगे बढ़ाएगी.
जानकारी के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर सिर्फ एयरफोर्स स्टेशन ही नहीं था, बल्कि 26-27 जून की रात को कालूचक मिलिट्री एरिया में भी दो संदिग्ध ड्रोन देखे गए थे. दोनों ड्रोन अलग अलग जगहों पर देखे गए. जवानों ने इन्हें गिराने के लिए गोली भी चलाए लेकिन यह अंधेरे का फायदा उठाकर गायब हो गए. रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक अगर जवानों ने मुस्तैदी नहीं दिखायी होती तो आतंकी एक और हमला करने में सफल हो जाते.
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