NIA की छापेमारी, तीन राज्यों में मारी रेड

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Update: 2022-12-24 16:45 GMT
नई दिल्ली: देश में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए एनआईए हरकत में आ गई है. वह पिछले कई दिनों से छापेमारी कर रही है. इस संबंध में उसने शनिवार को दिल्ली, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में 14 जगह रेड मारी. एनआईए ने पंजाब में भी कई जगह छापेमारी की. इन जगहों में सीमा से जुड़े इलाके भी शामिल थे.
जानकारी के मुताबिक खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा, लांडा हरिके, हरदीप निर्जर, रमन जज और हर्षदीप सिंह डल्ला ये वो आतंकी हैं, जिनके नेटवर्क पर NIA की रेड हुई है. ये आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर पंजाब में आतंक फैला रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक एनआईए ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के प्रमुख और सदस्य पाकिस्तान से हथियार, गोला-बारूद, आईईडी की तस्करी में शामिल हैं. भारत में इन संगठनों से जुड़े लोग आतंकवादी गतिविधियों जैसे-बम धमाका, टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं.
20 अगस्त को ऐसे ही एक मामले में केस दर्ज करने के बाद ही एनआईए जांच में जुट गई थी. ये रेड इसी मामले को लेकर की गई थी. बहरहाल एनआईए ने रेड के दौरान डिजिटल उपकरण, अहम दस्तावेज समेत कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की हैं. मामले में अभी जांच की जा रही है.
एनआईए की विशेष अदालत ने गुवाहाटी में हिजबुल भर्ती मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने मोहम्मद शाहनवाज अलोम उर्फ शाहनवाज आलम और मोहम्मद उमर फारूक उर्फ उमर फारुक को IPC की धारा 120बी, 18, 18बी, 19 और 38 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत पांच-पांच साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.
इस मामले में 14 सितंबर 2018 को असम के होजई जिले के जमुनामुख पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. इसके एक महीने बाद 10 अक्टूबर को एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था. एनआईए ने 11 मार्च, 2019 को पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
इस मामला 13 सितंबर 2018 को आरोपी मोहम्मद शनावाज आलम उर्फ शाहनवाज अलोम को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उसके हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकवादी मोहम्मद कमरूज जमान के साथ घनिष्ठ संबंध थे. जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि जमान, शाहनवाज अलोम, सैदुल आलम, उमर फारुक और अन्य आरोपियों ने मन में आतंक पैदा करने के लिए असम राज्य में हिजबुल मुजाहिदीन का एक मॉड्यूल तैयार करने के लिए सदस्यों की भर्ती करने की साजिश रची थी. एजेंसी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है.
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