NIA को मिली बड़ी कामयाबी, पुलिस पर हमले की बड़ी साजिश नाकाम, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

बड़ी साजिश नाकाम

Update: 2021-02-11 02:46 GMT

फाइल फोटो 

झारखंड पुलिस पर हमले की बड़ी साजिश को एनआईए ने नाकाम कर दिया। भाकपा माओवादियों के द्वारा खूंटी में पुलिस बलों पर हमले की योजना बनाई गई थी। एनआईए की हत्या छोड़े सशस्त्र भाकपा माओवादी कैडर बिरसा मुंडा ने पूछताछ के दौरान अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस बलों पर हमले के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक रखने की जानकारी एनआईए को दी थी। बुधवार को एनआईए ने बिरसा की सूचना पर चलाये गए सर्च के दौरान हाई-ग्रेड एक्सप्लोसिव और कॉर्डटेक्स वायर बरामद किया।

एनआईए ने खूंटी जिले के जिलिंगकेल में कोरंगबुरु पहाड़ी के घने जंगल में तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान 100 मीटर कॉर्डटेक्स वायर और 126 जिलेटिन स्टिक (15 किलोग्राम) बरामद किया। एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला साल 2019 में सीपीआई माओवादी के लोगों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला करने से संबंधित है। यह हमला माओवादी आतंकियों ने 14 जून 2019 को लगभग शाम 4:30 बजे जिला सरायकिला में कुकरू घाट के पास किया था।
इस दौरान 5 पुलिसकर्मी मारे गए थे और माओवादी आतंकवादियों ने उनके हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे। इसके बाद स्थानीय थाना तिरूल्डीह में स्थानीय पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी और 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने दो आरोप पत्र भी कोर्ट के सामने दायर किए थे। बाद में यह मामला जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए को सौंप दिया गया था एनआईए ने इस मामले में 9 दिसंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी।
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच के दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया जो सीपीआई माओवादी के कथित आतंकी बताए जाते हैं। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी नैना से पूछताछ के दौरान पता चला कि माओवादी आतंकियों ने बड़े पैमाने पर विस्फोटक खरीदा था और इस विस्फोटक को जिला खूंटी की कोरंगबूरू पहाड़ी के नजदीक घने जंगलों में छुपाया हुआ था। सूचना के आधार पर एनआईए अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और अर्ध सैनिक बल एसएसबी मदद से जंगल और पहाड़ी के आसपास कई घंटों तक तलाशी अभियान चलाया. इस तलाशी अभियान के दौरान 100 मीटर विस्फोटक में यूज होने वाला तार और 126 जिलेटिन की छड़ी जो लगभग 15 किलोग्राम की है बरामद की गईं।
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक, यह दोनों विस्फोटक मिलकर एक खतरनाक बम या आईडी के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इनके जरिए बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा सकता है। पूछताछ के दौरान पता चला कि माओवादी आतंकवादी इस विस्फोटक का प्रयोग सुरक्षा बलों के खिलाफ करने वाले थे और इसके लिए एक बड़ी साजिश की रूपरेखा भी तैयार की जा रही थी। अब एनआईए इस साजिश के कौन लोग कर्ताधर्ता थे और इस साजिश के तार कहां तक फैले हुए थे इसका पता लगाने में जुट गई है मामले की जांच जारी है।
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