नई दिल्ली (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को तमिलनाडु में ओमलूर पीएस हथियार मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। मामला सलेम जिले के पुलियामपट्टी संभाग के पास वाहन चेकिंग के दौरान आरोपियों के पास से दो देशी पिस्टल, गोला-बारूद और गन पाउडर की बरामदगी से जुड़ा है।
तीनों कथित तौर पर एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से प्रेरित थे, और सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष छेड़ने के उद्देश्य से लिट्टे के समान एक संगठन बनाना चाहते थे। 19 मई, 2022 को सलेम जिले के ओमलूर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसे बाद में एनआईए ने अपने कब्जे में ले लिया था।
आरोप पत्र नवीन चक्रवर्ती एम., संजय प्रकाश जे. और ए. काबिलर के खिलाफ दायर किया गया है। एनआईए ने कहा- जांच से पता चला है कि आरोपियों ने साजिश रची और खुद को लिट्टे से जोड़ा, और 'वल्र्ड तमिल जस्टिस कोर्ट' (डब्ल्यूटीजेसी) नामक एक संगठन बनाया। उन्होंने अवैध आग्नेयास्त्रों, घातक हथियारों और विस्फोटक पदार्थों का उपयोग करके खदानों, क्रशरों और टीएएसएमएसी शराब की दुकानों में काम करने वाले लोगों पर हमला करने और संपत्ति को नष्ट करने की योजना बनाई थी।
एनआईए ने कहा कि उसकी जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी ने 18 मई का दिन हड़ताल करने के लिए चुना था, जो श्रीलंकाई तमिल लोगों और लिट्टे के समर्थकों द्वारा श्रीलंकाई गृहयुद्ध में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मुलिविक्कल स्मरण दिवस का प्रतीक है।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों का मानना था कि इन आतंकवादी कृत्यों से लोगों में आतंक फैल जाएगा और आम जनता और सरकार को एक कड़ा संदेश जाएगा कि तमिलनाडु में लिट्टे जैसे संगठन को सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया गया है।