उत्तराखंड। उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब जम्मू कश्मीर के डोडा में जमीन धंसने की खबर है. यहां 21 इन्फ्रास्ट्रक्चर में दरारें पड़ चुकी हैं, जिनमें से 19 घर, एक मस्जिद और एक धार्मिक शैक्षणिक संस्थान शामिल है. डोडा के ठठरी में नई बस्ती गांव के 19 घरों में दरारें पड़ी हैं, जिससे लोगों में दहशत देखी जा सकती है. इनमें से एक घर दरारें पड़ने के बाद ढह गया. इन घरों में रहने वाले 19 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. इनमें से अधिकतर परिवार अपने रिश्तेदारों के घर रह रहे हैं.
डोडा प्रशासन का कहना है कि पिछले चार दिन में दरारें चौड़ी हुई हैं. प्रशासन जांच में जुट गया है. हालांकि, अभी जमीन धंसने की वजह का पता नहीं चल पाया है. भूवैज्ञानिकों की टीम और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया है. हालांकि, चिंता की कोई बात नहीं है. इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें पड़ी थीं. जोशीमठ को बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का मुख्य द्वार माना जाता है. यहां अक्टूबर 2021 से मकानों में दरारें आने का सिलसिला शुरू हुआ था. लेकिन पिछले साल दिसंबर के बाद स्थिति काफी तेजी से बिगड़ी. अब तक यहां 863 घरों में दरारें आ चुकी हैं. जोशीमठ में कुल 4500 घर हैं. इनमें से 181 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है.
जोशीमठ में लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है. परिवारों को अस्थाई तौर पर शिफ्ट किया जा रहा है. इतना ही नहीं प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद भी दी जा रही है. देशभर की तमाम एजेंसियां भूधंसाव की वजह का पता लगाने की कोशिश में जुटी हैं. हालांकि, स्थानीय लोगों ने इसके पीछे एनटीपीसी के प्लांट को जिम्मेदार ठहराया है.